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VP Election 2022: NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ जीते, मार्गरेट अल्वा की हार

Vice President Election 2022: मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.

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भारत
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VP Election 2022: NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ जीते, मार्गरेट अल्वा की हार
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उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election 2022) में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने जीत दर्ज की है. उन्होंने मार्गेट अल्वा को 346 वोटों से हराया. जगदीप धनखड़ को कुल 528 वोट मिले. जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले हैं. इसके अलावा 15 वोट इनवैलिड साबित हुए. बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह मतदान से दूर रहेगी.

उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA ने जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) को उम्मीदवार बनाया था.

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पीएम मोदी ने डाला वोट

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद में वोटिंग खत्म हो गई है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जितेंद्र सिंह और अश्विनी वैष्णव भी अपना वोट डाल चुके हैं. बीजेपी सांसद हेमा मालिनी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मिनाक्षी लेखी ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद में वोट डाला.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद शशि थरूर, जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, रेलवे अश्विनी वैष्णव, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मतदान में मतदान किया

TMC ने किया वोटिंग से किनारा

उपराष्ट्रपति चुनाव से तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने किनारा कर लिया था. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने सांसद शिशिर अधिकारी को पत्र लिखा. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के सांसद पिता को लिखे पत्र में सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि टीएमसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का निर्णय लिया है. शिशिर अधिकारी ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. शिशिर अधिकारी टीएमसी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे.

कैसे चुने जाते हैं उपराष्ट्रपति?

उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव इलेक्शन अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है. इसमें वोटिंग खास तरीके से होती है जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं. इसमें मतदाता को वोट तो एक ही देना होता है, लेकिन उसे अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है. वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और इसी तरह से आगे की प्राथमिकता तय करता है.

उपराष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष होता है, जिसके निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल होते हैं.

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