बीजेपी से सस्पेंड किए जाने के एक दिन बाद सांसद कीर्ति आजाद ने अपनी ही पार्टी पर एक बार फिर निशाना साधा है. आजाद ने कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा दी गई है. उन्होंने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से दखल देने की मांग करते हुए उनसे पूछा है कि आखिर उनसे गलती कहां हुई है?
पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने गुरुवार सुबह अहमदाबाद में मीडिया से बात की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें इस तरह हैं:
- मैं पिछले 9 साल से डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं. क्या मुझे इसकी सजा दी गई? मेरी गलती क्या थी?
- इस मामले में कई पेच हैं. पिछले 9 साल से पार्टी के किसी सदस्य ने इस मुद्दे (डीडीसीए) को नहीं उठाया.
- मुझे नोटिस मिल चुका है. मैं इसका जवाब दूंगा. सुब्रह्मण्यम स्वामी जवाब तैयार करने में मेरी मदद करेंगे.
- अगर मैं किसी दूसरी पार्टी के किसी नेता से मिला हूं, तो कम से कम मेरी पार्टी को इस बारे में मुझे बताना चाहिए कि वह कौन है.
- मैं किसी को परेशानी में नहीं डालना चाहता हूं. प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि मैंने क्या गलत किया है.
थम नहीं रहे कीर्ति आजाद के ‘हमले’
बीते दिन कीर्ति आजाद ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ कुछ गंभीर आरोप लगाए थे. जब आजाद से पूछा गया कि क्या उन्हें पार्टी से इसलिए सस्पेंड किया गया, क्योंकि अरुण जेटली ऐसा चाहते थे, तो उन्होंने इसका जवाब ‘हां’ में दिया.
आजाद ने कहा था कि उन्होंने अरुण जेटली के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला, जबकि अधिकतर गड़बड़ियां उन्हीं के कार्यकाल के दौरान हुईं. आजाद ने कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के साथ किसी साठगांठ होने से भी इनकार किया. गौरतलब है कि अरुण जेटली 2013 तक डीडीसीए के 13 साल तक अध्यक्ष रह चुके हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लगातार उन्हें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है.
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