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बीरभूम:जिसके घर आग लगा जिंदा जला दी गईं 8 जिंदगियां,सुनिए उसकी जुबानी पूरा मामला

मिहिलाल शेख का दावा है कि उसका भादू की मौत से कोई संबंध नहीं है लेकिन फिर भी भीड़ ने उसके घर को निशाना बनाया.

Published
भारत
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीरभूम (Birbhum) के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को आठ लोगों को जिंदा जलाने के जिस हिंंसक कांड को अंजाम दिया गया है, उसने कई दिल दहला डाले हैं. अब इस वारदात से जुड़ी कई झकझोर देने वाली खबरें सामने आ रही हैं. क्विंट ने जब उन लोगों से बात की जिनके घर और परिजन इस कांड में जला दिए गए तो उस रात की बातें सामने आना शुरू हुईं.

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जिन लोगों के घर इस हिंंसक वारदात में जलाए गए उनमें सोना शेख, बनिरुल शेख और मिहिलाल शेख शामिल हैं. हमने मिहिलाल शेख से बात की तो उसने भीगी पलकों से उस रात का हिंसक तांडव बयां करते हुए कहा कि-

बदमाशों ने उसका घर घेर लिया था और वे उस पर कच्चे बम फेंक रहे थे. उन्होंने घर में आग लगाने की तैयारी कर ली थी. इससे डरी उसकी पत्नी शेली बीबी और बेटी तुली खातून ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ खुद को घर के अंदर लॉक कर लिया. खुद मिहिलाल शेख अपनी जान बचाने के लिए अपने भाई के साथ दूर छुपे हुए थे और वहां से इस आतंक को देख रहे थे.
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भादू शेख की हत्या की जानकारी तक नहीं: मिहिलाल

ग्रामीणों का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या का प्रतिशोध लेने के लिए बदमाशों ने इन घरों में आग लगाई, जबकि मिहिलाल का दावा है कि उन्हें भादू शेख की हत्या के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी. उन्हें तो उसकी मौत की खबर तब पता चली जब भादू की हत्या वाली जगह पर कई लोग पैदल और मोटरसाइकिल से भागते हुए जा रहे थे. इस हुजूम को देखकर खुद मिहिलाल घर से बाहर निकल आए थे. बोगतुई के पुरबापारा में जहां मिहिलाल रहते हैं, वहीं के अन्य ग्रामीण भी सड़कों पर निकल आए थे.

बकौल मिहिलाल वहां 10 से 12 मिनट तक खड़े रहे, तभी उन्होंने देखा कि एक बड़ी सी भीड़ उनके घर की ओर आ रही है. मिहिलाल शेख जिसका दावा है कि उसका भादू की मौत से कोई संबंध नहीं है, उस भीड़ केा देखकर असमंजस में था. तभी भीड़ ने उसके घर पर हमला कर दिया. डर के मारे उसकी पत्नी और बेटी समेत घर की बाकी महिलाएं घर के अंदर छिप गईं.
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'हर एक सदस्य को मार डालेंगे'

मिहिलाल ने बताया कि उसने भीड़ को उसके घर की ओर इशारा करते हुए देखा और यह कहते हुए सुना कि वे उस परिवार के हर एक सदस्य को मार डालेंगे. वहां पहुंचते ही उन्होंने पूरे घर को घेर लिया. डर से कांपते मिहिलाल और उसका भाई घर से कुछ मीटर की दूरी पर छिपे यह देख रहे थे. उनका मानना ​​था कि भीड़ उनका खून करने के लिए निकली थी.

मिहिलाल का कहना है कि, कुछ देर बाद और भी लोग भीड़ में शामिल हो गए. उन्होंने कच्चे बम फेंके और वे एक घर में आग लगाने के लिए आवश्यक हर चीज के साथ तैयार होकर आए थे. इससे पहले कि दोनों भाई भागकर अपने परिवार को बचाने जाते, उन्होंने देखा कि लोग घर में प्रवेश करने के लिए ग्रिल काट रहे हैं.

इस कथित आगजनी में उनकी बेटी तुली खातून बच गई, लेकिन उनकी पत्नी शेली बीबी और परिवार के अन्य सदस्य नहीं बच पाए. आतंक का यह नाच देख वह अपने भाई के साथ सैंथिया भाग गया. मिहिलाल का दावा है कि उनके परिवार के कुल 10 सदस्यों की हिंसा में मौत हो गई, जबकि पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों की संख्या आठ है.

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भतीजा शेख के साथ करता था काम

मिहिलाल का दावा है कि उनकी या उनके परिवार की भादू शेख से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, हालांकि, उन्होंने यह बताया कि उनका एक भतीजा (जिसे शेख की हत्या में आरोपी बनाया गया है) पहले शेख के लिए काम करता था. लेकिन उसके भ्रष्ट धंधों केा देख वह उससे दूर हो गया था. मिहिलाल शेख ने यह भी बताया कि दो महीने पहले भादू शेख के आदमियों ने उसके भतीजे को पीटा और उसका हाथ तोड़ दिया था.

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क्या कहती है पुलिस?

डीजीपी कोलकाता मनोज मालवीय ने घटना के बारे में कहा कि पुलिस घटना में सभी कोणों से जांच कर रही है और ऐसा लगता है कि हिंसा भादू शेख की हत्या के प्रतिशोध में हुई होगी. उन्होंने कहा कि हत्या का कोई राजनीतिक संबंध नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत दुश्मनी से इंकार नहीं किया जा सकता.

घटना के सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने डीजीपी मालवीय को आगजनी में घायल हुए एक नाबालिग लड़के सहित गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही राज्य सरकार को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक मामले में केार्ट के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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