पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (West Bengal SSC recruitment scam) के आरोपी मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को ममता बनर्जी ने न सिर्फ अपनी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया है बल्कि उन्हें पार्टी से निलंबित भी कर दिया है. सरकारी नोटिस के अनुसार ममता बनर्जी अब खुद बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी की गैरमौजूदगी में उद्योग व अन्य विभाग संभालेंगी. कभी ममता बनर्जी के बेहद खास रहे पार्थ चटर्जी पर यह एक्शन उस बीच उठाया गया जब बीजेपी नेताओं ने बंगाल भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर से रानी रश्मोनी रोड तक एक मार्च निकाला था. चलिए जानते हैं करोड़ों के 'खजाने' मिलने से लेकर पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और उनकी बर्खास्तगी की पूरी टाइमलाइन.
22 जुलाई
बंगाल में यह हाई वोल्टेज ड्रामा शुक्रवार, 22 जुलाई को तब शुरू जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच पर सीधी कार्रवाई शुरू की थी. ED ने एक साथ पार्थ चटर्जी के आवास सहित पूरे राज्य में उनके 13 ठिकाने पर छापेमारी शुरू कर दी. ED के हाथ बड़ी सफलता तब लगी जब उसने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर छापा मारा.
ED के अधिकारियों ने अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से 21.20 करोड़ रुपये कैश, लगभग 60 लाख रुपये की विदेशी करेंसी, लगभग 90 लाख रुपये के सोने के गहने, 20 हाई-एंड एप्पल आईफोन, आठ फ्लैटों की बिक्री के कागजात बरामद किए. ED ने दावा किया कि उसके हाथ ऐसे कई डाक्यूमेंट्स लगें जो पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को सीधे घोटाले से जोड़ते हैं.
23 जुलाई
करोड़ों के कैश बरामदगी के अगले दिन शनिवार, 23 जुलाई को ED ने शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद एक अदालत ने TMC के इस वरिष्ठ नेता की दो दिन की ED हिरासत में भेज दिया.
24 जुलाई
पार्थ चटर्जी ने खराब तबियत का हवाला दिया था जिसपर मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें कोलकाता के सरकारी हॉस्पिटल SSKM में इलाज कराने की अनुमति दी थी. इसके खिलाफ ED ने कोलकाता हाई कोर्ट में अपील की. कोलकाता हाई कोर्ट ने रविवार, 24 जुलाई को ED को यह आदेश दिया कि वे सोमवार, 25 जुलाई की सुबह पार्थ चटर्जी को एयर एम्बुलेंस की मदद से भुवनेश्वर स्थिर AIIMS हॉस्पिटल शिफ्ट कर दे.
25 जुलाई
पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को तीन घंटे की लंबी सुनवाई के बाद सोमवार, 25 जुलाई को कोलकाता की PMLA कोर्ट ने 10 दिनों की (3 अगस्त तक) ईडी हिरासत में भेज दिया.
26 जुलाई
पार्थ चटर्जी को मंगलवार, 26 जुलाई को भुवनेश्वर AIIMS से साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में ईडी की हिरासत में लाया गया. इसका कारण था कि AIIMS के डॉक्टरों ने कह दिया था कि पार्थ चटर्जी को कोई ऐसी परेशानी नहीं है जिसके कारण उन्हें डॉक्टरों के एक्टिव केयर में रखने की जरूरत हो.
27 जुलाई
ED ने एक बार फिर बुधवार, 27 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के एक दूसरे फ्लैट से 27.90 करोड़ रुपये नकद और करीब 6 किलो सोना जब्त किया. रकम इतनी बड़ी थी कि ED के अधिकारी अगली सुबह 5.30 बजे तक कैश गिनते रहे.
28 जुलाई
पार्थ चटर्जी के खिलाफ बीजेपी के बढ़ते विरोध के बीच ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार ने उन्हें कैबिनेट से निकाल दिया. ममता बनर्जी अब खुद वे मंत्रालय संभालेंगी जो पार्थ चटर्जी को दिए हुए थे.
क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के तार दरअसल साल 2014, 2016 में हुए शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है. भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में दो कैंडिडेट्स ने याचिका लगाई थी. जिसके बाद भर्ती में घोटाले का खुलासा हुआ. मालूम हो कि 2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग ने शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा ली थी. इस परीक्षा के तहत 20 उम्मीदवारों का चयन होना था.
2017 में इस परीक्षा का रिजल्ट आया. सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप 20 में आया, लेकिन आयोग ने ये लिस्ट रद्द कर दी. आयोग ने नई लिस्ट जारी की, जिसमें बबीता का नाम वेटिंग लिस्ट में चला गया और बबीता से 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर आ गया. अंकिता मंत्री परेश अधिकारी की बेटी हैं.
इसके खिलाफ बबीता समेत दो उम्मदीवारों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. तब मार्कशीट से भर्ती में धांधली का खुलासा हुआ.
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