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FAQ: भारत में बच्चों के लिए COVID-19 वैक्सीनेशन में देरी की वजह क्या है?

भारत में कब शुरू किया जाएगा बच्चों का टीकाकरण

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भारत
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FAQ: भारत में बच्चों के लिए COVID-19 वैक्सीनेशन में देरी की वजह क्या है?
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पिछले दिनों अगस्त महीने में, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने Zydus Cadila को अपने COVID-19 वैक्सीन ZyCoV-D के लिए आगे बढ़ाया. यह वैक्सीन 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी थी.

दो महीने बाद, अक्टूबर में, सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने 2 से 18 साल के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के मंजूरी की सिफारिश की. लेकिन भारत में 18 साल से कम उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन अभी बाकी है. आइए जानते हैं कि देरी होने की वजह क्या है?

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ZyCoV-D बच्चों के लिए क्यों उपलब्ध नहीं है?

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने कथित तौर पर Zydus Cadila की तीन-खुराक वाली Covid-19 वैक्सीन की एक करोड़ खुराक खरीदने के आदेश दिए हैं. कंपनी ने 8 नवंबर को एक बयान में कहा कि वैक्सीन 265 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से केंद्र द्वारा खरीदी जाएगी.

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक मूल्य निर्धारण पर बातचीत के कारण देरी हुई है. हालांकि, वैक्सीन अभी भी सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के केंद्रों पर उपलब्ध नहीं है.

Covaxin का क्या हुआ?

SEC ने 12 अक्टूबर को 2-18 साल के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के Covaxin के उपयोग के लिए DGCI को एक सिफारिश सौंपी थी.

लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद भी डीजीसीआई की मंजूरी नहीं मिली है.

इंडियन एक्सप्रेस की 15 नवंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक डीसीजीआई ने बच्चों पर कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण से संबंधित दो विषयों पर अतिरिक्त जानकारी मांगी है:

हर उम्र के प्रतिभागियों की संख्या.

  • इन ग्रुप्स में वैक्सीनेशन के बाद हुई प्रतिकूल घटनाओं का विवरण.

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क्या Zydus को सिर्फ बच्चों के लिए रोल आउट किया जाएगा?

हम अभी तक नहीं जानते, टाइम्स ऑफ इंडिया की 9 नवंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के लिए Zydus Cadila वैक्सीन तभी शुरू की जाएगी जब आधिकारिक दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.

सरकार कथित तौर पर चिंतित है कि वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए वैस्सीन डोज पर्याप्त नहीं हो सकती है. इसके चलते कोवैक्सीन की मंजूरी के बाद ही इसे रोल आउट किए जाने की संभावना है.

देरी के बारे में क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

Ashoka University में भौतिकी और जीव विज्ञान के प्रोफेसर डॉ गौतम मेनन ने एफआईटी को बताया कि बच्चों में टीकों के लिए इस समय वयस्कों की तुलना में बहुत कम डेटा है.

"प्रतिकूल परिणामों को रोकने के मामले में बच्चों को वैक्सीनेशन के फायरों पर अभी तक कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है, क्योंकि बच्चों में संक्रमण बहुत बड़े पैमाने पर हल्के होते हैं.

National Technical Advisory Group on Immunization (NTAGI) के सदस्य वायरोलॉजिस्ट डॉ गगनदीप कांग ने अक्टूबर में एफआईटी के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि स्वस्थ बच्चों को अभी कोरोना वैक्सीन की जरूरत है.

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क्या हम जानते हैं कि दिशा-निर्देश कब जारी किए जाएंगे?

अभी नहीं.

क्या बच्चों का टीकाकरण अनिवार्य है?

यह हम अभी तक नहीं जानते हैं. विशेष रूप से, केंद्र ने 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं किया है. केंद्र द्वारा एक विस्तृत एसओपी (Standard operating procedure) अधिक स्पष्टता देगा.

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