पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाने के बाद भारत में इसकी कड़ी आलोचना हो रही है. सबसे बड़ी बात तो यह कि पाकिस्तान इस मामले में कई तरह की गलतियां कर रहा है.
भारत का कहना है कि पाक अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मूलभूत नियमों का पालन नहीं कर रहा. ऐसे में अगर वो जाधव को फांसी पर लटकाता है, तो इसे भारत 'हत्या' करार देगा.
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की आर्मी अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. पाक उन चंद देशों में से एक है, जहां आर्मी की अदालत भी आम जनता पर फैसले सुना सकती है. इसलिए सोमवार को वहां के जनरल कमर जावेद बाजवा ने जासूसी और विध्वंसकारी गतिविधियों के मामले में जाधव को फांसी पर लटकाने की मुहर लगा दी.
लेकिन कुछ बातें हैं, जिनकी वजह से पाकिस्तान का मौत की सजा सुनाना सरासर गलत लगता लगता है.
वीजा होने के बाद भी बताया गया जासूस
जाधव को पाकिस्तान सिक्योरिटी एजेंसी ने बालूचिस्तान के पास ईरान बॉर्डर से पकड़ा था. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया:
पाकिस्तान की अथॉरिटी ने वहां की मीडिया को ब्रीफ करते वक्त बताया कि कुलभूषण जाधव के पास एक वैलिड इंडियन पासपोर्ट मिला.
इस बात ये सवाल जरूर उठता है कि अगर पासपोर्ट है, तो जासूसी का आरोप कैसे लगाया जा सकता है?
भारत को जाधव से क्यों नहीं मिलने दिया?
भारत ने इस्लामाबाद में हाई कमीशन के जरिए जाधव से संपर्क करने की मांग की थी. 23 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 औपचारिक अनुरोध भी भेजे गए. लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी. संसद में गृहमंत्री ने भी कहा कि भारतीय हाई कमिशन के बार बार अनुरोध करने के बावजूद 'कॉन्सुलर एक्सेस' नहीं दिया गया.
पाकिस्तान ने किया अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
भारत ये बात बार-बार उठा रहा है कि मौत की सजा सुनाने में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया गया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है, ''अगर इस तरह पाकिस्तान किसी देश के नागरिक को फांसी देता है, तो इसके द्विपक्षीय रिश्तों पर प्रभाव पड़ेगा. कल को पाकिस्तान में किसी और देश के नगारिक को भी खतरा हो सकता है.'' उन्होंने कहा कि इसलिए हम पाकिस्तान को ऐसा नहीं करने देंगे और यूनाइटेड नेशंस में आवाज उठाएंगे.
पाक मीडिया ने भी दी चेतावनी, हो सकते हैं गंभीर परिणाम
इस मामले में भारत से तो विरोध के सुर उठ ही रहे हैं, अब पाकिस्तानी मीडिया ने ये बात मानी है कि अगर जाधव को फांसी दी जाती है, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने जाधव के खिलाफ सबूतों को सार्वजनिक करने की भी बात की है.
अखबार द नेशन ने अपने पहले पन्ने पर दी गई खबर में लिखा, ''सोमवार को एक सैन्य अदालत ने दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच लंबे समय से जारी तनाव को और बढ़ाते हुए हाई प्रोफाइल भारतीय जासूस को मौत की सजा सुनाई.'' अखबार ने राजनीतिक और रक्षा विशेषज्ञ डॉ. हसन अस्करी के हवाले से लिखा है कि जाधव को फांसी देने का फैसला 'दोनों देशों के बीच तनाव में और इजाफा करेगा.'
सेना ने सख्त सजा दी है, जो पाकिस्तानी कानून के मुताबिक है. लेकिन हमें यह देखना होगा कि पाकिस्तान इसके राजनीतिक और राजनीतिक दुष्प्रभावों को झेल सकता है या नहीं.डॉ. हसन अस्करी, राजनीतिक और रक्षा विशेषज्ञ, पाकिस्तान
सरताज अजीज ने भी माना था, जाधव के खिलाफ नहीं हैं सबूत
पिछले साल पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सरताज अजीज ने भी माना था कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के खिलाफ सबूतों के रूप में अब तक सिर्फ कुछ बयान हैं और सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं. पाक मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था:
सीनेट के सामने अजीज ने कहा कि जाधव से जुड़े डोजियर में सिर्फ इकबालिया बयान शामिल है. डोजियर में जो बाते हैं वे पर्याप्त नहीं हैं.
इन सभी बातों के बाद सवाल तो उठते ही हैं कि पाकिस्तान पर सवाल तो उठना लाजिमी ही है. लेकिन इस बीच भारत जाधव की फांसी रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है. सुषमा ने सदन से कहा है कि कुलभूषण को बचाने के लिए कानूनी प्रक्रिया के साथ- साथ जरूरत पड़ी, तो राष्ट्रपति स्तर पर भी बात की जाएगी.
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