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"सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी कानूनी लड़ाई"- पहलवानों ने वापस लिया धरना

पहलवानों ने कहा है कि वे WFI के सुधार के बारे में सरकार के वादे पर अमल होने का इंतजार करेंगे.

Published
भारत
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महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushansaran Singh) के खिलाफ पिछले 6 महीनों से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने धरना वापस ले लिया है. सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा है कि वो बृजभूषण सिंह के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे, लेकिन यह लड़ाई सड़कों पर न होकर अब कोर्ट में लड़ी जाएगी.

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इसके अलावा WFI के नए अध्यक्ष और कार्यकारी समिति के चुनाव का जिक्र करते हुए, पहलवानों ने कहा कि वे सरकार द्वारा किए गए वादों पर अमल होने का इंतजार करेंगे.

रविवार, 25 जून को जारी बयान में कहा गया कि "महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार ने 7 जून की मीटिंग में प्रदर्शनकारी पहलवानों को जो आश्वासन दिया था, उसे लागू करते हुए, दिल्ली पुलिस ने 6 महिला पहलवानों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच पूरी की और 15 जून को आरोप पत्र दायर किया. यह लड़ाई अब सड़कों पर नहीं, बल्कि अदालत में जारी रहेगी, जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता."
कुश्ती संघ के सुधार के बारे में नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के मुताबिक शुरू हो गई है, जिसके चुनाव 11 जुलाई को होना तय है. इसके संबंध में सरकार ने जो वादे किए हैं, उस पर अमल होने का इंतजार करेंगे.
पहलवानों का बयान
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दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1500 पेज की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पद से हटा दिए गए बृजभूषण पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) के तहत अपराध दर्ज किया गया है. जबकि नाबालिग पहलवान के दूसरे बयान की रिकॉर्डिंग के बाद, बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगाए गए POCSO के आरोप रद्द कर दिए गए हैं.

WFI के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर अतिरिक्त रूप से धारा 109 (उकसाने) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पहलवानों ने ट्रायल की तैयारी के लिए समय देने का अनुरोध किया

इससे पहले रविवार को विरोध वापस लेने के ऐलान से पहले, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने एशियाई खेलों और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए ट्रायल से पहले तैयारी के लिए समय देने की अपील की.

पहलवानों ने अपने लिखे पत्र केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से अपील की कि....

"पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले 6 प्रतिभागियों (साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, सत्यव्रत कादियान, संगीता फोगट और जितेंद्र कुमार) को ट्रायल की तैयारी के लिए समय चाहिए. हम आपसे (ठाकुर) गुजारिश करते हैं कि 10 अगस्त 2023 के बाद ट्रायल आयोजित करें"
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इससे पहले, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की एडहॉक समिति ने ऐलान किया था कि विरोध करने वाले पहलवान 'सिंगल-बाउट' ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसका मतलब है कि उन्हें अपनी जगह पक्की करने के लिए पहले दौर के विजेता के खिलाफ केवल एक अकेला मुकाबला जीतने की जरूरत होगी.

योगेश्वर दत्त की ओर से नए नियम की आलोचना के बाद, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने 2012 ओलंपिक पदक विजेता को कड़ी प्रतिक्रिया दी. विनेश फोगट ने योगेश्वर पर 'बृजभूषण सिंह की थाली से बचा हुआ खाना खाने' का आरोप लगाया, जबकि बजरंग पुनिया ने कहा कि योगेश्वर 'सोशल मीडिया के जरिए जहर फैला रहे हैं.'

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