Uttar Pradesh Crime: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur News) में एक कारोबारी के बेटे की हत्या से हड़कंप मच गया. कानपुर के एक कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 वर्षीय बेटे कुशाग्र की हत्या कर दी गई है. चौंकाने वाली बात है कि इस हत्याकांड की आरोपी खुद कुशाग्र की ट्यूशन टीचर, उसका बॉयफ्रेंड और एक दोस्त हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
कुशाग्र सोमवार, 30 अक्टूबर की शाम कोचिंग पढ़ने के लिए घर से निकला था, और वापस नहीं लौटा. रात में स्कूटी सवार एक अज्ञात व्यक्ति ने पीड़ित के घर फिरौती के लिए लेटर पहुंचाया था. कुशाग्र को रिहा करने के नाम पर 30 लाख की फिरौती मांगी गई थी. हालांकि मंगलवार, 31 अक्टूबर की सुबह छात्र का शव फजलगंज थाना क्षेत्र में मिला.
क्या है पूरा मामला?
कानपुर के आचार्य नगर के भगवती विला अपार्टमेंट में सूरत के एक बड़े कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया का परिवार रहता है. परिजनों के मुताबिक शहर के नामी स्कूल जयपुरिया में कक्षा 10 में पढ़ने वाला उनका बेटा कुशाग्र, सोमवार शाम करीब 4 बजे घर से स्वरूपनगर की कोचिंग के लिए निकला था, लेकिन शाम 7 बजे तक नहीं लौटा. इसके बाद परिजनों ने तलाश शुरू की.
पिता ने फोन किया तो उसका मोबाइल बंद मिला. इसके बाद दोस्तों से पूछा तो पता चला कि वह कोचिंग पढ़कर जा चुका. इसके बाद सभी जगह खोजबीन के बाद पुलिस को अपहरण की सूचना दी गई.
आरोपी का कबूलनामा: "कुशाग्र और ट्यूशन टीचर के बीच संबंध मुझे मंजूर नहीं थे"
इस मामले में जारी पुलिस की प्रेस रीलीज के अनुसार, आरोपी ने कबूल किया है कि उसने अपनी प्रेमिका (ट्यूशन टीचर) और अपने दोस्त के साथ मिलकर बच्चे की हत्या की है.
प्रेस रीलीज के मुताबिक, "आरोपी द्वारा बताया गया कि उसे विश्वास था कि मृतक कुशाग्र कनोडिया और उसकी महिला मित्र (ट्यूशन टीचर) के बीच संबंध थे जो कि उसे मंजूर नहीं थे. इसलिए उसने अपने मित्र शिवा और अपनी महिला मित्र रचिता वत्स के साथ मिलकर कुशाग्र कनोडिया को मारने की योजना बनाई."
प्रेस रीलीज में पुलिस ने आगे बताया कि, प्रभात जानता था कि कुशाग्र किस समय ट्यूशन के लिए जाता है, जब वह ट्यूशन जा रहा था तब प्रभात ने उसको अपनी स्कूटी पर छोड़ने के लिए कहा, क्योंकि कुशाग्र प्रभात को पहले से जानता था इसलिए वह उसकी स्कूटी पर बैठ गया. जब वह प्रभात के घर पहुंचे तो वह कुशाग्र को पड़ोस के खाली कमरे में ले गया और योजना के तहत रस्सी से उसका गला दबा कर उसकी हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि, प्रभात ने अपने दोस्त शिवा की मदद से फिरौती का लेटर कुशाग्र के घर पहुंचाया ताकी उन्हें प्रभात पर हत्या का शक ना जाए. वहीं पुलिस की तत्परता की वजह से आरोपी शव को ठिकाने लगाने में असमर्थ रहे और पकड़ा गए.
लेटर से किडनैपिंग की बात पता चली
कुशाग्र सोमवार दोपहर करीब 4:00 बजे ट्यूशन के लिए घर से निकला था लेकिन वापस नहीं लौटा. परिवार वाले उसकी तलाश कर ही रहे थे कि रात करीब 9:00 बजे एक अज्ञात स्कूटी सवार घर पर फिरौती का लेटर डालकर फरार हो गया. लेटर में कुशाग्र को छोड़ने के लिए 30 लाख की फिरौती मांगी गयी थी. इसके बाद परिवार ने पुलिस को सूचना दी.
गौरतलब है कि फिरौती लेटर में "अल्लाह हू अकबर" लिखकर जांच को भटकाने की कोशिश की गई थी.
कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ने वाली शिक्षिका और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया.
कैसे हुई गिरफ्तारी?
जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने जानकारी दी कि घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने शुरू किए. लोगों से पूछताछ भी की जा रही थी. पुलिस ने CCTV कैमरे में देखा कि कुशाग्र ट्यूशन टीचर का बॉयफ्रेंड, प्रभात शुक्ला के साथ एक स्टोर रूम गया. इसके 40 मिनट बाद प्रभात शुक्ला अकेले बाहर आया और स्टोर पीछे बंद कर देता है. इसके बाद आरोपी अपने कपड़े बदलता है और मृतक लड़के के स्कूटर पर बैठकर जाता हुआ दिखाई देता है.
प्रभात शुक्ला का दोस्त और तीसरा आरोपी आर्यन भी वहां आया था. पुलिस ने कहा है कि अभी तक हत्या के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं हुई है. प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि हत्या गला दबाकर की गयी है.
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