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कानपुर हिंसा से पहले आरोपी हयात ने की थी ACP से मुलाकात, बदली थी आंदोलन की तारीख

Kanpur Violence: जफर हाशमी की पत्नी ने कहा कि प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिलने पर उसने बंद को वापस ले लिया था.

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा (Violence) में पुलिस अब तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके साथ ही पुलिस ने इस उपद्रव में कथित रूप से शामिल लोगों की तस्वीरों के होर्डिंग्स भी शहर में विभिन्न जगहों पर लगाए हैं.

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बता दें, घटना के कुछ दिन पहले मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अपने कुछ साथियों के साथ कानपुर के ACP अनवरगंज, अकमल खान के पास गया था और वहां पर उसने कैमरे के सामने कहा था कि

3 तारीख को दुकानों की बंदी का कार्यक्रम था. लेकिन 3 तारीख को कानपुर में देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आ रहे हैं. राज्यपाल आ रहे हैं. इंतजामिया ये गुजारिश की है कि 3 तारीख के कार्यक्रम को मुल्तवी कर दिया जाए. 5 तारीख की जो आपकी कॉल है. उसमें पूरा सहयोग करेंगे. हम लोगों ने उनकी बातों पर यकीन किया. हम ये ऐलान करते हैं कि आगामी 5 जून को सुबह 11.30 बजे जेल भरो आंदोलन का हिस्सा बनेंगे.
हयात जफर हाशमी, कानपुर हिंसा का आरोपी

इस मामले में जब ACP अनवरगंज, अकमल खान से बात की गई तो उनके मुताबिक...

हम लोगों को जानकारी मिली कि ये लोग इस तरीके से बंदी करने जा रहे हैं तो मैंने उनको अपने कार्यालय बुलाया था और इस तरह की बंदी के लिए मना किया था. क्योंकि वो बिना प्रशासन की इजाजत के बंदी करने जा रहे थे. उनसे कहा कि आप पहले प्रशासन की अनुमति लेकर आइए.
अकमल खान, ACP, अनवरगंज

वहीं, हयात जफर हाशमी की पत्नी ने कहा कि नूपुर शर्मा के बयान को लेकर हयात जफर हाशमी ने बंद का आह्वान जरूर किया था, लेकिन पुलिस और प्रशासन की ओर से अनुमति न मिलने पर बंद को वापस ले लिया था. मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी कि पत्नी उजमा ने बताया कि...

पुलिस उपद्रव का ठीकरा हयात जफर हाशमी पर फोड़ना चाहती है, जबकि वह इसमें शामिल नहीं हैं. असली आरोपियों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है, इसलिए हयात का नाम जोड़ा जा रहा है. पुलिस के पास क्या सबूत हैं, जिसके आधार पर हयात जफर पर आरोप लगाए जा रहे हैं? उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है. न्याय जरूर मिलेगा.
उजमा, हयात जफर हाशमी की पत्नी

दरअसल, कानपुर के नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल में मास्टरमाइंड बताया जा रहा हयात जफर हाशमी और उसके चार प्रमुख साथियों को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया था. वह बवाल के बाद से फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. सटीक सूचना के आधार पर कानपुर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार कर लिया था.

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