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कानपुर हिंसा: 40 उपद्रवियों की तस्वीर जारी, 38 लोग गिरफ्तार, अबतक के बड़े अपडेट

Kanpur Violence Update: 3 जून को हुई हिंसा में एक पेट्रोल पंप को सील भी कर दिया गया है.

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कानपुर (Kanpur Violence) के बेकनगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने आस-पास के पेट्रोल पंप की जांच के आदेश दे दिए हैं. इस जांच को हिंसा के दौरान इस्तेमाल हुए पेट्रोल बमों से जोड़कर देखा जा रहा है. इसी क्रम में एक पेट्रोल पंप को सील भी कर दिया गया है. इसके साथ ही कानपुर पुलिस ने इस मामले में 40 बलवाइयों की तस्वीरें जारी की हैं. इन सबकी उम्र 25 साल से कम बताई जा रही है, वहीं, पुलिस ने इनकी सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखने को कहा है.

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कानपुर हिंसा पर अब तक के बड़े अपडेट

घटना के बाद कानपुर नगर जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने जिला पूर्ति निर्धारण अधिकारी को निर्देश दिए थे कि जिले के समस्त पेट्रोल पंप विशेष रूप से घटनास्थल के आसपास स्थित पेट्रोल पंपों की जांच कराई जाए. 

जांच के दौरान डिप्टी पड़ाव स्थित पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में यह पाया गया कि पेट्रोल पम्प द्वारा बोतल में पेट्रोल दिया गया. जून 2-3 को बोलत में दिए गए पेट्रोल के फुटेज की जांच हेतु पुलिस विभाग को वीडियो दिया गया है जिनके द्वारा वीडियो की जांच की जायेगी.

निरीक्षण के दौरान वाट-माप विज्ञान विभाग द्वारा पंप में लगी मशीन की नोजलो की निकासी की जांच की गयी. जांच के दौरान एक मशीन के नोजल में 10 ml की निकासी कम पाई गई. जांच के दौरान मिली कमियों और व्यवस्थाओं पर कार्यवाही करते हुए स्थानीय प्रशासन ने पेट्रोल पंप को सील कर दिया है.

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साथ ही साथ जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर पेट्रोल की बिक्री बोतलों में ना हो. यदि किसी भी पेट्रोल पंप द्वारा बोतल में बिक्री की जाती है तो संबंधित पेट्रोल पंप के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए. 

बता दें कि 3 जून को हुई हिंसा में अभी तक कानपुर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा 38 अभियुक्तों की पहचान कर गिरफ्तारी की गई है. बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर शहर के कुछ मुस्लिम संगठनों ने बंद का आह्वान किया था. आरोप है कि जुमे की नमाज के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष की कुछ दुकानों को जबरदस्ती बंद कराने का प्रयास किया जिसके बाद हिंसा भड़की थी. कमिश्नरेट पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे जिसमें 40 से ज्यादा नामजद और हजारों की संख्या में अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

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