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PM Modi अपना इंटरव्यू लेने आई युवती से खुद पूछ बैठे पहला सवाल-'केम छो मेहता जी?'

'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' की फाउंडर Karishma Mehta ने शेयर की PM Modi Exclusive Interview की इनसाइड स्टोरी

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मुंबई (Mumbai) की सड़कों पर घूमते आम लोगों के साक्षात्कार पोस्ट करके देश के सबसे सफल इंटरनेट प्लेटफॉर्म में से एक 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' (Humans of Bombay) को चलाने वाली युवती करिश्मा मेहता (Karishma Mehta) ने तीन साल पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का साक्षात्कार (PM Narendra Modi Interview) किया था.

तबसे लेकर अब तक करिश्मा मेहता (Karishma Mehta) द्वारा लिए गए पीए मोदी के इंटरव्यू (Modi Exclusive Interview) की सोशल मीडिया (Social Media) पर चर्चा होती रही है.

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अब खुद करिश्मा ने अपने उस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के अनुभव को बयां किया है. करिश्मा मेहता ने एक लिंक्डइन पोस्ट में अपने उस अनुभव को बताया है और लिखा है कि किस तरह से प्रधानमंत्री के उस इंटरव्यू ने उन्हें पूरी दुनिया में मशहूर किया तो साथ ही कई तरह की नफरत का भी वह शिकार बनी. उल्लेखनीय है कि यहां पढ़िए करिश्मा मेहता ने अपने उस अनुभव के बारे में अपनी लिंक्डइन पोस्ट में क्या लिखा है.

मैं ट्रोल हुई, मेरी काफी बदनामी की गई

''मैं उस समय 27 वर्ष की थी, जब मुझे अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साक्षात्कार करने का अवसर दिया गया. यह साक्षात्कार लगभग 22 मिनट चला था, जिसने मेरे करियर की दिशा बदल दी.

इसके बाद जो प्रतिक्रियाएं आईं, उनमें मेरे काम की तारीफ तो थी, पर साथ ही मेरे प्रति नफरत का एक बवंडर भी उठ खड़ा हुआ.

उस समय की एक फेमस यूथ मैग्जीन ने कवर मेरी इंटरव्यू वाली फोटो छापी और उसके साथ बेहद तीखी हैडिंग दे दी. सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मुझे ट्रोल किया गया और प्रधानमंत्री से पूछे प्रश्नों के लिए बहुत आरोप गए और बिल्कुल इकतरफा सोच के साथ मेरी काफी बदनामी की गई."

"मुझे लगता है कि मेरे जीवन का यही वह बिंदु था जब मैंने सीखा कि चुप रहना ही सबसे ताकतवर चीज होती है और आपका काम ही आपकी बात को उजागर करने का सही तरीका होता है.''
करिश्मा

ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे की इस फाउंडर ने यह लिखकर अपनी छोटी पोस्ट समाप्त की कि वह आगे की तारीखों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार के अपने अनुभव के बारे में और अधिक विस्तार से बातें शेयर करेंगी. लेकिन पोस्ट के अंत में उन्होंने पीएम मोदी से अपनी मुलाकात का एक दिलचस्प वाकया भी सुनाया. करिश्मा ने लिखा, कि पीएम ने इंटरव्यू की खुद ही शुरुआत करते हुए मुझसे ही गुजराती भाषा मेंं पहला प्रश्न पूछ डाला कि, 'केम छो मेहता जी?' अंत में एक स्माइली फेस की इमोजी के साथ करिश्मा मेहता ने अपनी पोस्ट खत्म की.

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मोदी-करिश्मा दोनों गुजराती

देश के प्रधान मंत्री और 27 वर्षीय इस इंटव्यूअर युवती में एक बात समान थी. वे दोनों गुजराती हैं. शायद यही वह कारण रहा हो, जिस वजह से पीएम मोदी ने करिश्मा मेहता से मुलाकात की इजाजत दी हो. करिश्मा इस बारे में पहले भी कह चुकी हैं कि उन्होंने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के लिए कई नेताओं, मशहूर हस्तियों, राजनेताओं और उद्योगपतियों का साक्षात्कार लिया पर इन सभी के बीच पीएम मोदी के संक्षिप्त साक्षात्कार का उनके लिए एक विशेष स्थान है.

2019 में करिश्मा ने पीएम मोदी का यह साक्षात्कार किया था, जिसमें उन्होंने अपने बचपन, अपने परिवार और सत्ता में आने के अलावा अन्य बातों के बारे में बताया था. इस साक्षात्कार को ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर पांच भागों में पोस्ट किया गया था.

कौन है करिश्मा

करिश्मा मेहता सिर्फ 21 साल की थीं, जब उन्होंने 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' नाम से पेज शुरू किया. आज फेसबुक पर इसके एक मिलियन से अधिक और इंस्टाग्राम पर इससे भी दोगुने फॉलोअर्स हैं. इस पेज पर उन्होंने मुंबई की सड़कों पर आम लोगों के साथ साक्षात्कार लेने का लक्ष्य रखा था, यह शुरू में कोई आसान काम नहीं था. शुरुआत उन्हेांने 50 साल की विधवा महिला के इंटरव्यू से की.

तब से, ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे न केवल मुंबई के आम लोगों बल्कि इसके व्यापारियों, मशहूर हस्तियों और कई अन्य लोगों की प्रेरक कहानियों का डॉक्युमेंटेशन किया है. आज, ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे केवल कहानियों का दस्तावेजीकरण करने का ही एक मंच नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा पृष्ठ है जिसने क्राउडफंडिंग के माध्यम से कई लोगों की मदद की है.

करिश्मा मेहता ने अब तक 15 करोड़ रुपये से अधिक क्राउडफंडिंग से जुटाए हैं. अंडरप्रिवलेज्ड महिलाओं की शिक्षा, देह व्यापार करने वाली सेक्स वर्कर्स के पुनर्वास और सर्जरी के जरूरतमंदों को इस फंड से मदद की जाती है.

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