मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 2 अगस्त को एक चीता (Cheetah Died) की मौत हो गई है. ये मादा चीता 'धात्री' (टिबलिसी) थी. बता दें कि नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए कई चीतों में से अब तक कुल 9 चीतों की मौत हो चुकी है जिनमें से तीन शावक यानी चीतों के बच्चे थे.
पिछले चार महीने से लगातार चीतों की मौत की खबर आ रही है, इसके बाद प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यही नहीं कुछ दिन पहले इन चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जाहिर की थी और कहा था कि राजनीति से ऊपर उठकर कुछ चीतों को राजस्थान भेजने पर विचार करना चाहिए.
यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मामले की समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक ली थी. वहीं शिवराज सरकार ने 8 चीतों की मौत के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को हटा दिया था. लेकिन अभी भी चीतों का मरना जारी है.
महीनों पहले नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते सूर्खियों में थे, तब मध्य प्रदेश को 'टाइगर स्टेट' की जगह 'चीता स्टेट' कहा गया था. उस समय प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन अब लगातार चीतों की मौत पर सवाल खड़े हो गए हैं.
कूनो नेशनल पार्क में 9 चीतों की मौत की टाइमलाइन
27 मार्च: किडनी में संक्रमण के चलते चार साल की मादा चीता साशा की मौत हुई
23 अप्रैल: नर चीता उदय की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई
9 मई: दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ संघर्ष में मादा चीता दक्षा की मौत हुई
23 मई: मादा चीता सियाया (ज्वाला) के चार शावकों में से एक चीता शावक की मौत हुई
25 मई: चीता ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हो गई
11 जुलाई: नर चीता तेजस की मौत ट्रॉमेटिक शॉक के कारण हुई
14 जुलाई: नर चीता सूरज की मौत हो गई, निगरानी दल को ये घायल अवस्था में मिला था
2 अगस्त: को मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की मौत हुई
(इनपुट- अमित गौर)
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