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Lakhimpur Khiri में किसानों ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा, 3 दिवसीय विरोध शुरू

Lakhimpur Khiri: किसानों का मुख्य उद्देश्य 'लखीमपुर हिंसा' मामले में न्याय मांगना है.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में एक बार फिर से किसान एकजुट होकर 3 दिनों तक केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बार प्रदर्शन में किसानों का मुख्य उद्देश्य 'लखीमपुर हिंसा' मामले में न्याय मांगना है.

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पंजाब के करीब 10 हजार किसान होंगे शामिल

लखीमपुर में करीब 72 घंटों तक चलने वाले इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब से भी करीब 10 हजाक किसान हिस्सा लेंगे. ये विरोध संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किया गया है. आज से शुरू हो रहा ये विरोध प्रदर्शन 20 अगस्त तक चलेगा. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा कि

"विरोध में पंजाब से 10 हजार किसान हिस्सा लेंगे. कुछ किसान ट्रेन से आ रहे हैं तो कुछ अपनी प्राइवेट गाड़ियों से आएंगे. बुधवार को किसान यहां पहुंचने के लिए अपने-अपने घरों से निकल चुके हैं."

क्या है किसानों की मांंग?

किसान लखीमपुर हिंसा के बाद से लगातार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं. लखीमपुर हिंसा मामले में टेनी के बेटे आशीष मिश्र पर किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप है. पिछले साल अक्टूबर में हुई इस घटना में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस साल जुलाई तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्र को जमानत देने से इंकार कर दिया था. वो अभी भी पुलिस हिरासत में ही है.

इस पूरे मामले में कई बार सुप्रीम कोर्ट ने भी यूपी पुलिस के रवैये को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. मामले में गठित SIT ने भी आशीष मिश्रा को ही मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया था. किसान आंदोलन में लखीमपुरी खीरी कांड में न्याय किसानों की मुख्य मांगों में से एक रहा था.

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