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आजमगढ़: कैफी आजमी के गांव में मनाई गई उनकी जयंती, बेटी शबाना ने भी शिरकत की

Kaifi Azmi के जीवन मे प्रयोग किये गये वस्त्रों और सामानों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसको वहां आए लोगों ने देखा.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आजमगढ़ (Azamgarh) जिले के मिजवां में मिजवां वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले मशहूर इंकलाबी शायर कैफी आजमी (Kaifi Azmi) की 104 वीं जयंती मनाई गई. इसी गांव में 14 जनवरी 1919 को कैफी साहब की पैदाइश हुई थी. इसमें कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी ने भी शिरकत की. इस दौरान कैफी आजमी गर्ल्स इंटर कालेज एंड कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर में प्रोग्राम भी हुआ. इस दौरान कैफी आजमी के जीवन में प्रयोग किये गये वस्त्रों और सामानों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसको वहां आए लोगों ने देखा. तस्वीरों में देखिए किस तरह से कैफी आजमी साहब को खिराज-ए-अकीदत पेश की गई.

शबाना आजमी ने पढ़ी कैफी साहब की नज्म 'औरत'

कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी ने कहा कि कैफी साहब अपने गांव मिजवां के विकास की खातिर हमेशा चिंतित रहते थे. उनकी सोच और उनके कार्य को आगे बढ़ाने के लिये हम मिजवां वेलफेयर सोसायटी के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में आज़मगढ़ के बाहर भी लोगों की भलाई और उनके जीवन मे बदलाव के लिये कार्य कर रहे हैं.

शबाना आजमी ने कैफी साहब की मशहूर नज्म 'औरत' को पढ़कर सुनाया, इस दौरान पूरा कैंपस तालियों से गूंज उठा.

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