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तुर्की, सीरिया, यूक्रेन और इश्क: टूटे लोगों को कैसे सपने आते हैं?

Love Poetry: एक कविता जो, उस चेहरे की याद दिलाती है, जिससे कभी प्यार हुआ हो और वो दूर चला गया हो.

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सीरिया और तुर्की (Turkey Syria Earthquake) में आए भूकंप के बाद तबाही के मंजर सामने आए हैं. बड़ी-बड़ी इमारतें मलबे का ढेर बन गई हैं और लोग उसमें अपनों को तलाश रहे हैं. लगातार मौतों की संख्या में इजाफा हो रहा है. दूसरी ओर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इन दोनों घटनाओं को जोड़ते हुए एक कविता जो, उस चेहरे की याद दिलाती है, जिससे कभी प्यार हुआ हो और वो दूर चला गया हो. पढ़िए विकास गोंड की कविता, जो विरह के बाद के दर्द को उकेरती है.

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यूक्रेन के बस्तियों में रहने वाले लोगों को

सपने आते हैं

कि रूस ने युद्ध रोक दिया है

बिना किसी शर्त के और

सैनिकों के बच्चों के सपने में

खिलौने लेकर पिता घर वापस आ रहे होते हैं

तुर्की में रहने वाले लोग सपने देखते हैं

कि धरती कांपी ही नहीं

कोई मकान गिरा ही नहीं

उसमें दब कर कोई मरा ही नहीं

हर एक त्रासदी गुजर जाने के बाद

बचे हुए लोग देखते हैं सपने

कि जिनमें वे होते है, अपनों के साथ

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तुम्हारे जाने के बाद

मैं भी देखता हूं सपना

कि तुम साथ हो

हमेशा की तरह

दोस्त! मनोवैज्ञानिकों का मत है

कि सपने सिर्फ अचेतन मन में

दमित इच्छाएं होती हैं

ये सपने जितने खूबसूरत होते हैं

उससे कहीं ज्यादा भयावह होता है

इन सपनों का टूट जाना

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सभी यादें मानसिक पटल पर उभर आती हैं

एक आह और सिसकती हुई आवाज़ से

ज्यादा कुछ नहीं बचा होता है

सपना टूटने के बाद

अब भी युद्ध जारी होता है

अब भी भूकंप के बाद

शहर से मलबा हटाया जा रहा होता है

अब भी तुम मुझसे दूर होते हो

इतना दूर कि

तुम्हारे पास पहुंचना

लगभग मुमकिन नहीं रहा.

- विकास गोंड, छात्र, इलाहाबाद विश्वविद्याल

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