सोमवार को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान SDPI की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव अजहर तंबोली ने कहा कि राज ठाकरे BJP द्वारा दी गई स्क्रिप्ट को पढ़कर हिंदुत्व की राजनीति में लिप्त हैं. ठाकरे अपने हिंदुत्व एजेंडे के माध्यम से मुसलमानों को भड़का रहे हैं. सत्तारूढ़ दल इस मुद्दे पर चुप रहकर उनकी सांप्रदायिक राजनीति का समर्थन कर रहे हैं. सरकार और पुलिस तंत्र को कानूनी कार्रवाई करके ठाकरे को रोकना चाहिए, नहीं तो हम सही तरीके से जवाब देंगे.
तंबोली ने कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की कुल संख्या में से केवल 15 प्रतिशत और शेष 85 प्रतिशत मंदिरों में लगाए गए थे. अगर राज ठाकरे वास्तव में सामाजिक समस्या को हल करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले अन्य लाउडस्पीकरों को हटाने की बात करनी चाहिए और फिर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कई चीजें हैं जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती हैं.
उन्होंने कहा कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल मुसलमानों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. हम इन राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित इफ्तार समारोह का बहिष्कार करने का आह्वान करते हैं.
बता दें, ठाकरे ने इसे सामाजिक मुद्दा बताते हुए कहा था कि ये धार्मिक मामला नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर 3 मई तक राज्य भर की मस्जिदों में लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो मनसे कार्यकर्ता उन मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाएंगे.
SDPI के पदाधिकारी अशोकराव जाधव ने कहा कि पार्टी मनसे प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग करेगी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी राज ठाकरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करेगी और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग करेगी. अगर सांप्रदायिक झड़पें होती हैं तो मनसे प्रमुख और उनकी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
रविवार को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ठाकरे ने हिंदुओं से 3 मई के बाद मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा के लिए तैयार रहने की अपील की. इस दौरान उन्होंने 1 मई को औरंगाबाद में एक सार्वजनिक रैली और 5 जून को अयोध्या की यात्रा की भी घोषणा की.
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