महाराष्ट्र (Maharashtra) के जालना (Jalna) में तीन अज्ञात व्यक्तियों ने एक 26 साल के इमाम की मस्जिद (Masjid) परिसर के अंदर कथित तौर पर पिटाई की और फिर उनकी दाढ़ी काट दी.
पूरा मामला जालना के अनवा गांव का है, यहां की एक मस्जिद के इमाम जाकिर सैय्यद खाजा ने दावा किया कि वह रविवार, 26 मार्च को शाम 7:30 बजे जामा मस्जिद में अकेले थे, तभी तीन नकाबपोश लोग मस्जिद में घुसे और उन्हें 'जय श्री राम' बोलने पर मजबूर किया, जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो उनकी पिटाई की गई.
एफआईआर के अनुसार, खाजा ने आरोप लगाया कि तीन लोग उन्हें खींचकर मस्जिद के एक कोने में ले गए, जहां उन्हें लात-घूंसों से पीटा गया, उन्होंने कथित तौर पर इमाम को बेहोश भी किया था.
उन्होंने आगे दावा किया कि उन्हें अस्पताल में जाकर ही होश आया, जहां उन्होंने महसूस किया कि तीन लोगों ने बेहोशी के दौरान उनकी दाढ़ी काट दी थी और उनकी ठुड्डी, छाती और चेहरे पर चोट के निशान थे.
खाजा ने दावा किया कि तीनों लोगों ने अपने चेहरे काले कपड़े से ढके हुए थे, इसलिए वह उन्हें पहचान नहीं सके. खाजा ने यह भी कहा कि वह पिछले सात साल से मस्जिद में हैं.
कई धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस
जालना पुलिस ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पारध पुलिस स्टेशन में कई धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की है.
धारा 295 (धर्म का अपमान करने की नियत से धार्मिक स्थान को क्षति पहुंचाना)
धारा 452 (ट्रेसपास करना)
धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा)
धारा 34 (एक ही नियत से एक से ज्यादा लोगों द्वारा किया जाने वाला काम)
एसपी अक्षय शिंदे ने पीटीआई को बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
मामले ने लिया राजनीतिक मोड़
मानखुर्द विधायक और समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा है जिसके बाद इस मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है.
आजमी ने ट्वीट किया कि, "मैं उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी से मांग करता हूं की जालना के भोकरदन अनवा गांव मस्जिद में घुसकर एक मौलाना की दाढ़ी निकालकर मारपीट करने वाले व साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए."
मीडिया से बात करते हुए, महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा: "यह निंदनीय है. न तो सीएम और न ही डिप्टी सीएम इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त करेंगे. लेकिन जब जांच की जाती है, तो इसकी भी जांच की जानी चाहिए कि क्या यह सरकार को बदनाम करने का प्रयास है."
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