ADVERTISEMENTREMOVE AD

Maharashtra Crisis: 'बागियों' को सुरक्षा, फ्लोर टेस्ट पर निर्देश-SC ने क्या कहा?

Supreme Court ने कहा- बागी विधायकों के अयोग्यता नोटिस पर 11 जुलाई, शाम 5.30 बजे तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा.

Published
न्यूज
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

असम के गुवाहाटी (Guwahati) में लंबे समय से बैठे शिवसेना के बागी (Shivsena Rebel) विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में महाराष्ट्र (Maharshtra Political Crisis) के डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) द्वारा 16 बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका दाखिल की.

इस पर सर्वोच्च अदालत ने शिवसेना नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु, डिप्टी स्पीकर और अन्य को नोटिस जारी कर पांच दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें

1. सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम निर्देश में कहा कि एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों के अयोग्यता नोटिस पर 11 जुलाई, शाम 5.30 बजे तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. इससे पहले, डिप्टी स्पीकर ने उन्हें 27 जून तक जवाब दाखिल करने का समय दिया था.

2. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को बागी विधायकों द्वारा उन्हें भेजे गए अविश्वास नोटिस के हलफनामे रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान, शिवसेना के बागियों ने तर्क दिया कि डिप्टी स्पीकर अयोग्यता याचिका पर फैसला करने के लिए सक्षम नहीं हैं क्योंकि खुद उन्हें ही हटाने के लिए के लिए नोटिस लंबित है.

फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया कि 11 जुलाई तक महाराष्ट्र विधानसभा में कोई फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता.

3. कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा कि, "हम फ्लोर टेस्ट पर आदेश पारित नहीं कर सकते क्योंकि इससे अनावश्यक जटिलताएं पैदा होंगी. अगर कुछ भी अवैध होता है, तो आप हमेशा इस अदालत का रुख कर सकते हैं."

4.बागी विधायकों को सुरक्षा देने के निर्देश

इसके अलावा बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 39 विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने के अनुरोध पर, महाराष्ट्र सरकार के स्थायी वकील का बयान दर्ज है कि, सरकार द्वारा पर्याप्त कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विधायकों के जीवन, स्वतंत्रता या संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×