देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur Violence) में पिछले तीन महीनों से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार 3 जुलाई को बिष्णुपुर (Bishnupur) जिले में लोगों की भीड़ ने दो सुरक्षा चौकियों पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ मचाई. भीड़ ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए. वहीं कौट्रुक में एक सुरक्षाकर्मी की मौत भी हो गई है.
पुलिस चौकी पर हमला कर लूट ले गए हत्यार
मणिपुर पुलिस के गुरुवार देर रात एक बयान में कहा गया कि भीड़ ने बिष्णुपुर में मणिपुर सशस्त्र पुलिस की दूसरी बटालियन के कीरेनफाबी पुलिस चौकी और थंगलावई पुलिस चौकी पर हमला किया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूट लिए.
पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने उसी जिले के हिंगांग पुलिस स्टेशन और सिंगजामेई पुलिस स्टेशन से हथियार और गोला-बारूद लूटने की भी कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया.
बयान में कहा गया है कि सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षाबलों के बीच कौट्रुक, हरओथेल और सेनजाम चिरांग इलाकों में मुठभेड़ हुई, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी सहित दो लोगों को गोली लगी.
बिष्णुपुर जिले के कौट्रुक में सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई.
सुरक्षाबलों ने दागे आंसू गैस के गोले
बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों की सीमा पर फौगाकचाओ इखाई में 500-600 लोगों की अनियंत्रित भीड़ जमा होने पर सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें लगभग 25 लोगों को मामूली चोटें आईं.
पिछले 24 घंटों के दौरान अलग-अलग जगहों पर गोलीबारी की छिटपुट घटनाओं और अनियंत्रित भीड़ के जमा होने से राज्य में स्थिति अभी भी अस्थिर और तनावपूर्ण बनी हुई है.
सुरक्षा बलों ने राज्य के संवेदनशील और सीमांत इलाकों में तलाशी अभियान चलाया और हमलावरों के सात अवैध बंकरों को नष्ट किया है.
बता दें कि मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है. हिंसा को 91 दिन बीत चुके हैं मगर हालात अभी भी सामान्य नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.
(इनपुट- IANS)
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