ADVERTISEMENTREMOVE AD

NCERT से हटाया गया चैप्टर, केरल के स्कूलों में पढाने की तैयारी

SCERT ने कहाकि NCERT ने पाठ्यक्रम से जो हिस्से हटाए है, उसमें मुख्य रूप से इतिहास से संबंधित अंश केरल में पढ़ाएंगे

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

NCERT ने सिलेबस रेशनलिएशन के चलते कक्षा छठी से लेकर बारहवीं तक अपने पाठ्यक्रम में से बहुत सा हिस्सा हटाया है, जिस पर केरल स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) (SCERT) ने मंगलवार को फैसला किया कि एनसीईआरटी ने ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों से अपने "सिलेबस रेशनलिएशन" प्रक्रिया के चलते जो हिस्सा हटाया गया है उसको केरल के छात्रों को पढ़ाया जाएगा. जिसके लिए SCERT सप्लीमेंट्री पाठ्यपुस्तकों को जारी करेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
एससीईआरटी का कहना है कि NCERT ने पाठ्यक्रम से जो हिस्से हटाए है, उसमें मुख्य रूप से इतिहास से संबंधित अंश केरल में पढ़ाया जाना चाहिए. साथ ही एससीईआरटी ने यह फैसला किया है कि केरल में सप्लीमेंट्री किताबें छापी जानी चाहिए. जिसमें NCERT ने जो अंश हटाया है वो शामिल हो और छात्रों को पढ़ाया जाए.

सप्लीमेंट्री पाठ्यपुस्तक करेगा राज्य जारी

सूत्रों ने बताया कि समिति ने इस पर अंतिम फैसला लेने का जिम्मा शिक्षा मंत्री को सौंपा है. एससीईआरटी के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय सरकार पाठ्यपुस्तकों से कुछ हिस्सों को हटाने के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है, वहीं केरल का राज्य शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम समिति के सैद्धांतिक निर्णय के साथ आगे बढ़ेगा कि हटाए गए हिस्सों को ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा को सप्लीमेंट्री पाठ्यपुस्तकों को शुरू करके पढ़ाया जाना चाहिए. एनसीईआरटी ने सिलेबस रेशनलाइजेशन के चलते हालांकि कक्षा छठी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम से कुछ हिस्सों को हटा दिया है, लेकिन केरल केवल ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों पर निर्भर है, यहीं कारण है कि अन्य कक्षाओं के लिए पुस्तकों में हो रहा परिवर्तन राज्य के छात्रों को प्रभावित नहीं करेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है मामला?

एनसीईआरटी ने पिछले साल अपने सिलेबस से कुछ हिस्सों को हटा दिया था, जिसमें गुजरात दंगों, मुगल, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सली आंदोलन पर सबक आदि शामिल थे. इसकी नई पाठ्यपुस्तकों में महात्मा गांधी से जुड़ी कई अहम घटनाओं और प्रसंगों का भी कोई जिक्र नहीं है. हालांकि, एनसीईआरटी का दावा है कि इस साल पाठ्यक्रम में कोई कटौती नहीं की गई है और पिछले साल जून में पाठ्यक्रम का रेशनलिएशन किया गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

केरल के शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?

केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक से कुछ महत्वपूर्ण अंशों को बाहर करने का निर्णय अकेले एनसीईआरटी का निर्णय नहीं हो सकता है. इसे केवल बीजेपी सरकार के निर्णय के रूप में देखा जा सकता है. उनकी वहीं विचारधाराएं हैं जो आरएसएस और बीजेपी सरकार के दृष्टिकोण को लागू कर रही हैं.

केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने आगे कहा कि बीजेपी अहंकारी हैं, क्योंकि उनके पास संसद में बहुमत है. वे इतिहास की किताबों से स्वतंत्रता संग्राम, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, श्री नारायण गुरु और भगत सिंह आदि के बारे में अंशों को खत्म करना चाहते हैं. वे पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों जैसी प्रमुख घटनाओं को शामिल करने के लिए भी तैयार नहीं हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×