ADVERTISEMENTREMOVE AD

मशहूर कथक डांसर बिरजू महाराज का 83 साल की उम्र में निधन

पंडित बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.

Updated
न्यूज
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कथक नर्तक से दुनिया भर में नाम कमाने वाले और पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) का रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली में उनके घर पर निधन हो गया.

पंडित बिरजू महाराज ने 83 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार देर रात बिरजू महाराज अपने पोते के साथ खेल रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत के सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक बिरजू महाराज

पंडित बिरजू महाराज को कुछ दिनों पहले गुर्दे की बीमारी का पता चला था और वे डायलिसिस पर थे. अपने शिष्यों और अनुयायिओं द्वारा प्यार से पंडित-जी या महाराज-जी कहलाने वाले, 83 वर्षीय, भारत के सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक थे. वह कथक नर्तकियों के महाराज परिवार के वंशज थे, जिसमें उनके दो चाचा, शंभू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु, अचन महाराज शामिल हैं.

उन्हें तबला और नाल बजाने का विशेष शौक था. बिरजू महाराज एक उत्कृष्ट गायक भी थे, जिनका ठुमरी, दादरा, भजन और गजल पर खास पकड़ थी.
0

पद्म विभूषण से सम्मानित

बिरजू महाराज को 1964 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 1984 में वे पद्म विभूषण से भी सम्मानित हो चुके हैं.

कथक नर्तक बिरजू महाराज एक शानदार ड्रमर भी थे, जो लगभग सभी ड्रम आसानी और सटीकता के साथ बजा लेते थे. उन्हें तबला और नाल बजाने का खास शौक था. इसके अलावा वो एक उत्कृष्ट गायक भी थे, जिनकी ठुमरी, दादरा, भजन और गजल पर खास पकड़ थी.

उन्होंने अपने प्रदर्शन को अपने जीवन की घटनाओं के साथ जोड़ा, दर्शकों को लुभाने के लिए वे इन घटनाओं को सुनाय भी करते थे. साथ ही, पूरी तरह से चौकस होने के कारण, उनके पास दिन-प्रतिदिन की घटनाओं के बारे में कहने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×