समाजवादी के पार्टी वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam Disqualified) की भी विधायकी चली गई है. बुधवार, 15 फरवरी को उत्तर प्रदेश सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी. बता दें, इससे पहले हेट स्पीच के मामले में आजम खान की भी सदस्यता चली गई थी.
क्यों गयी विधायकी?
अब्दुल्ला आजम को 15 साल पहले के एक मामले में दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने 2 साल की सजा और 3000 रुपए का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सचिवालय की तरफ से विधायकी की सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी की गई.
क्या कहता है कानून?
दरअसल, जनप्रतिनिधियों के लिए बने कानून के मुताबिक अगर किसी विधायक को दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है. आजम खान और उनके बेटे के लिए यही बहुत बड़ा संकट बना.
इससे पहले अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से बीजेपी के विधायक खब्बू तिवारी को अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी, क्योंकि उन्हें कोर्ट ने दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी. ठीक इसी तरह हेट स्पीच मामले में अब्दुल्ला आजम के पिता आजम खान की रामपुर से विधानसभा सदस्यता गई और बाद में हुए उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना विधायक चुने गए हैं.
क्या था मामला?
दरअसल, 15 साल पहले हरिद्वार हाइवे पर जाम करने के एक मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. इसी सजा के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गई है. ऐसे में स्वार विधानसभा सीट खाली हो गई है, इसलिए वहां चुनाव की तैयारी भी शुरू की जाएगी.
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