Lok Sabha Election 2024: असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने ऐलान किया है कि वो बिहार की 40 में से 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बिहार के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि AIMIM अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, दरभंगा , मुजफ्फरपुर, उजियारपुर, करकट, बक्सर, गया और भागलपुर में प्रत्याशी उतारेगी.
पार्टी ने इन 11 सीटों में से 2 पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है.
किशनगंज लोकसभा से खुद बिहार प्रदेश अध्यक्ष और अमौर से विधायक अख्तरुल ईमान उम्मीदवार होंगे. जबकि कटिहार लोकसभा से पार्टी प्रवक्ता आदिल हसन को मैदान में उतारा गया है.
बाकी सीटों पर उम्मीदवारों की सूची पार्टी हेड ऑफिस भेजी गयी है. जल्द बाकी के सभी उम्मीदवारों ने नाम का ऐलान किया जा सकता है.
प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि हम लोगों पर आरोप लगता रहा है कि हम सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ते हैं. इस बार जिन सीटों पर हमने या हमारी पार्टी ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, उनमें अधिकतर सीट बीजेपी के पाले में है. इन सीटों पर कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है और आरजेडी इन सीटों पर चुनाव जीत नहीं सकती. बीजेपी के इन सीटों पर जीते हुए सांसदों के खिलाफ हम लोग चुनाव लड़ने जा रहे हैं. प्रत्याशियों के चयन को लेकर प्रक्रिया चल रही है.
लोकसभा चुनाव में कैसा रहा है AIMIM का प्रदर्शन?
2019 के लोकसभा चुनाव में AIMIM ने बिहार की सिर्फ 1 सीट किशनगंज पर चुनाव लड़ा था. अगर पूरे भारत की बात करें तो AIMIM ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे दो सीट, हैदराबाद और औरंगाबाद से जीत हासिल हुई थी.
हैदराबाद से पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी करीब पौने तीन लाख वोट से जीतकर सांसद बने थे. वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद से इम्तियाज जलील AIMIM के सांसद बने थे.
अब बात किशनगंज की. 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां से अख्तरुल ईमान को मैदान में उतारा था. उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार डॉ मोहम्मद जावेद के हाथों हार का सामना करना था. अख्तरुल ईमान तीसरे नंबर पर रहे थे जबकि JDU के सैयद मोहम्मद अशरफ दूसरे नंबर पर रहे थे. खास बात है कि किशनगंज बिहार की एकमात्र सीट थी जहां कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी.
बिहार के अंदर पार्टी का कैसा प्रदर्शन रहा?
बिहार में AIMIM ने 2019 में अपना चुनावी खाता खोला जब पार्टी के उम्मीदवार कमरुल होदा ने कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों को हराकर किशनगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी. हालांकि कमरुल होदा अब आरजेडी में शामिल हो चुके हैं.
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं. लेकिन दो साल बाद ही अख्तरुल ईमान को छोड़कर इसके चार विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और RJD से हाथ मिला लिया.
बिहार में 2024 की लड़ाई कितनी मुश्किल?
AIMIM ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए किशनगंज और कटिहार से अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. किशनगंज से एक बार फिर अख्तरुल ईमान ताल ठोकेंगे. पिछले लोकसभा चुनावों में अख्तरुल ईमान भले ही तीसरे नंबर पर रहे थे लेकिन उन्हें 26.8% वोट भी मिले थे. विजेता कांग्रेस उम्मीदवार डॉ मोहम्मद जावेद को उनसे लगभग 72 हजार अधिक वोट मिले थे.
अब बात कटिहार सीट की. यहां से पार्टी ने अपने प्रवक्ता आदिल हसन को उम्मीदवार बनाया है जो पेशे से वकील हैं. आदिल हसन कटिहार के चुनावी मैदान पर जमीनी नेता माने जाते हैं- एक ऐसा युवा चेहरा जिनपर पार्टी दांव लगा सकती है. हालांकि यहां का मुकाबला कड़ा है. कटिहार कांग्रेस नेता तारिक अनवर का भी गढ़ रहा है. उन्होंने 1996, 1998 और 2014 में यहां से जीत हासिल की थी. वहीं 1999, 2004 और 2009 में बीजेपी के निखिल कुमार चौधरी को जीत हासिल हुई थी. अगर पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2019 में कटिहार से JDU के दुलाल चंद्र गोस्वामी को 57 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी. 44.9% वोट प्रतिशत के साथ कांग्रेस के तारिक अनवर दूसरे नंबर पर रहे थे.
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