उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश बीजेपी में काफी हलचल है. सीएम योगी को लेकर नेताओं की नाराजगी और कैबिनेट में बड़े फेरबदल की चर्चा के बीच अब पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. पीएम मोदी के साथ गुजरात से लेकर दिल्ली तक काम करने वाले एके शर्मा को यूपी बीजेपी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है.
एके शर्मा की पॉलिटिक्स में एंट्री के बाद यूपी बीजेपी में हलचल
चुनाव से ठीक पहले एके शर्मा के अचानक वीआरएस लेने और एक्टिव पॉलिटिक्स में हुई एंट्री से यूपी में राजनीतिक माहौल गरमा गया था. बीजेपी ने उन्हें अपना एमएलसी घोषित किया था और लगातार बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कही जा रही थी. अब आखिरकार शर्मा को उपाध्यक्ष पद दे दिया गया है.
एके शर्मा के दिल्ली से यूपी पहुंचने के बाद से ही तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई थीं. राजनीतिक गलियारों में ऐसी भी खबरें थीं कि सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बन रहे माहौल के बाद एके शर्मा को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है. यहां तक कि सीएम योगी आदित्यनाथ को हटाने तक की खबरें सामने आई थीं, जिन्हें बाद में बीजेपी की तरफ से खारिज कर दिया गया.
बताया गया कि एके शर्मा को यूपी भेजे जाने से सीएम योगी आदित्यनाथ कुछ खास खुश नहीं थे. वो नहीं चाहते थे कि एके शर्मा को उनकी सरकार में अहम जिम्मेदारी मिले. लेकिन पीएम मोदी ने रणनीति के तहत अपने एक सच्चे सिपाही को यूपी भेजा तो उसे बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय था. इसके बाद योगी और केंद्रीय नेतृत्व में मनमुटाव की खबरें भी सामने आने लगीं. बताया गया कि एके शर्मा ही इस नाराजगी की वजह हैं.
सीएम योगी के आगे झुका केंद्रीय नेतृत्व?
इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का अचानक दिल्ली दौरा हुआ. बताया गया कि सीएम दो दिन दिल्ली में रहेंगे. यहां योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद माना गया कि योगी को पार्टी नेतृत्व ने दो टूक बता दिया कि चुनाव से पहले वो क्या चाहते हैं, साथ ही एके शर्मा को मिलने वाली जिम्मेदारी को लेकर भी तस्वीर साफ की गई. लेकिन अब एके शर्मा को उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद ये साफ हो चुका है कि इस पूरी खींचतान में सीएम योगी की ही जीत हुई.
क्योंकि पहले कहा जा रहा था कि योगी की आपत्ति के बावजूद एके शर्मा की सरकार में एंट्री हो सकती है, लेकिन फिलहाल योगी ने ऐसा होने नहीं दिया है. शर्मा को पार्टी संगठन की जिम्मेदारी मिली है, यानी फिलहाल योगी सरकार में उनका कोई बड़ा रोल नहीं होगा. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव से पहले एके शर्मा को किस खांचे में फिट किया जाता है.
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