समाजवादी पार्टी में हाशिये पर चल रहे वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने बुधवार को अपनी राहें अलग करने के संकेत देते हुए ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा‘ के गठन का औपचारिक ऐलान कर दिया. इसे लेकर जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं.”
शिवपाल ने मोर्चा के गठन का ऐलान करते हुए कहा, ‘मैंने दो साल तक इंतजार किया. मैं समाजवादी पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहा हूं. मुझे न तो पार्टी के कार्यक्रमों की कोई सूचना दी जाती है, न ही कोई जिम्मेदारी मिलती है.”
मैं समाजवादी पार्टी में सबसे मिलकर रहना चाहता हूं, इसीलिये मैंने इतना इंतजार किया. अब हम गांव-गांव, जिले-जिले जाकर मोर्चे को मजबूत करने के लिये काम करेंगे. समाजवादी पार्टी में अनेक ऐसे कार्यकर्ता हैं, जो उपेक्षित हैं. उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी और उनसे कहा जाएगा कि वे मोर्चे को मजबूती दें. मैं पिछड़े वर्ग के लोगों और छोटी पार्टिंयों को भी मोर्चे से जोड़ने की कोशिश करूंगा.शिवपाल यादव
शिवपाल से जब सवाल किया गया कि क्या उनका मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगा, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
अखिलेश बोले, “मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा’ बनाये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
‘‘मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएगा, आप और भी चीजें होती हुई देखेंगे.”
इस सवाल पर कि क्या शिवपाल के मोर्चा गठित करने के पीछे बीजेपी की साजिश है, अखिलेश ने कहा, ‘‘इसके पीछे बीजेपी है, ऐसा मैं नहीं कहता, पर आज और कल की बात को देख लें, तो शक तो जाएगा ही. समाजवादी पार्टी आगे बढ़ेगी, चाहे जो भी हो.”
अखिलेश से अनबन के बाद हाशिए पर थे शिवपाल
गौरतलब है कि सितम्बर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उस वक्त एसपी मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल को नियुक्त कर दिया था. इसके बाद से ही अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी पैदा हो गयी थी.
अखिलेश ने अपने मंत्रिमण्डल से शिवपाल समर्थक कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. उसके बाद एक जनवरी, 2017 को एसपी के अध्यक्ष पद पर अखिलेश की ताजपोशी के दिन ही शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. उसके बाद से शिवपाल पार्टी में हाशिये पर आ गये थे.
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