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सरकारी बंगला क्या छूटा,पब्लिक के बीच जा बैठे अखिलेश यादव

अखिलेश 4, विक्रमादित्य मार्ग वाले सरकारी बंगले पर करीब सवा साल रहे

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“कभी मैं धौलपुर, कभी मैसूर और न जाने कहां-कहां नहीं गया... जब भी एक जगह से दूसरी जगह गया कुछ नया पाया, कुछ नया सीखा... अब एक बार और सही... हमारे देश की संस्कृति भी तो यही कहती है... चलते रहो-चलते रहो...”

ये भावुक ट्वीट उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला छोड़ने के साथ किया, साथ एक फोटो भी जिसमें वो पत्नी डिम्पल और बच्चों के साथ हैं. सरकारी पैसे से ही सही चूंकि, इसे पति- पत्नी ने मिलकर सजाया था, लिहाजा बंगले से निकलते वक्त उदासी चेहरे की बनावटी मुस्कुराहट पर भारी पड़ रही थी. अखिलेश 4, विक्रमादित्य मार्ग पर करीब सवा साल रहे. फिलहाल कुछ दिनों के लिए उनका नया ठिकाना वीवीआईपी गेस्ट हाउस का रूम नम्बर 209 है.

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सरकारी बंगले के हाथ से जाने का कष्ट यादव परिवार को तो होगा लेकिन, अखिलेश देश के सबसे बड़े सूबे के हाथ से जाने का दुख पहले भी झेल चुके हैं और मोदी-योगी के तूफान में जहां दूर-दूर तक एसपी का भविष्य नहीं दिख रहा था, वैसे माहौल में फूलपुर, गोरखपुर, कैराना और नूरपुर में जीत हासिल कर उम्मीद की रोशनी बढ़ा ली है. इससे यूपी के गैर भाजपाई दल भी रोशन होने लगे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव ने घर से निकलने के दुख को भी बड़े तरीके से खुशियों में बदल दिया है.

दो जून को अखिलेश ने 4, विक्रमादित्य मार्ग छोड़ा और तीन जून से शुरू की जिन्दगी की एक अलग पारी. जिसने उन्हें वीवीआईपी के ओहदे से बाहर कर दिया. कभी वो बच्चों के साथ मस्त होकर क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं, तो कभी लखनऊ-गोमती रिवर फ्रंट पर साइकिल चलाते दिख रहे हैं. लोगों के साथ सेल्फी और बच्चों के साथ जमकर फोटो सेशन करवा रहे हैं.

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    रिवरफ्रंट पर साइकिल चलाते अखिलेश(फोटो: विक्रांत दुबे/क्विंट हिंदी)
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    बच्चों के साथ मस्त होकर क्रिकेट खेलते हुए अखिलेश(फोटो: विक्रांत दुबे/क्विंट हिंदी)
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    इमामबाड़ा तक साइकिल से सैर करते नजर आए अखिलेश(फोटो: विक्रांत दुबे/क्विंट हिंदी)
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    अपने बच्चों के साथ साइकिल चलाते अखिलेश यादव(फोटो: विक्रांत दुबे/क्विंट हिंदी)

लखनऊ में हर साल जेठ महीने के हर मंगलवार को ‘बड़ा मंगल’ के रूप में भंडारे का चलन है. पूरे लखनऊ में इस महीने के पांच मंगलवार को लगातार जगह-जगह भंडारा चलता है. अचानक अखिलेश ने एक भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया. यही नहीं भंडारे से प्रसाद लेकर अखिलेश अपने दोनों बच्चों के साथ इमामबाड़ा पहुंच गये. यानी मंदिर से लगायत इमामबाड़े तक अखिलेश राजनीति की बात किये बगैर हर जगह अपनी नई छवि तैयार कर रहे हैं.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिनों के अंदर सरकारी बंगला छोड़ने का आदेश दिया था. यूपी में एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मायावती, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव सरकारी बंगलों पर काबिज थे. मुलायम सिंह और उनके बेटे अखिलेश बंगला खाली करने के लिए दो साल का वक्त मांग रहे थे, लेकिन बाद में पिता-पुत्र ने 4 और 5 नम्बर विक्रमादित्य मार्ग छोड़ दिया. मुलायम सिंह ने भी फिलहाल वीवीआईपी गेस्ट हाउस के रूम नम्बर 109 को नया ठिकाना बनाया है.

बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने अपने मकान निर्माण का काम शुरू करा दिया है. जिसे बनने में करीब एक साल लगेंगे. इस बीच ये भी खबर आ रही है कि वो सुल्तानपुर रोड पर अंसल सिटी के विला में रहेंगे. जहां उन्होंने दो विला किराये पर लिए हैं.

अखिलेश जिस सरकारी बंगले में रह रहे थे. उसके निर्माण और सजाने-संवारने में 42 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. बंगले में हरियाली के लिए विदेशों से कई प्रजातियों के पौधे मंगाए गए थेे. अखिलेश के शौक के मुताबिक माडर्न जिम भी बनाया गया था.

मुलायम ने भी छोड़ा बंगला

सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने शनिवार, दोपहर अपना 5 विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगला छोड़ दिया. मुलायम को ये बंगला 27 साल से आवंटित था. जब वह सीएम थे, तब भी मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग के बजाए अमूमन रात में इसी बंगले में आकर रुकते थे. मुलायम अब अंसल सिटी में सी-3 के विला नंबर 12-ए में रहेंगे. फिलहाल पॉकेट में अखिलेश और प्रतीक को भी रहना है. इसी पॉकेट में विला नंबर 278 को मुलायम के बेटे प्रतीक यादव के लिए तैयार किया जा रहा है.

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