आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार ने 3 राजधानियों वाले विवादास्पद बिल को वापस लेने का फैसला किया है. इस कानून के द्वारा सरकार राज्य में तीन राजधानियां बनाने की तैयारी कर रही थी.
बार एंड बेंच के मुताबिक एडवोकेट जनरल सुब्रमण्यम श्रीराम ने सोमवार को एक हलफनामे में सरकार के फैसले के बारे में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट को सूचित करते हुए कहा कि अमरावती राज्य की एक मात्र राजधानी होगी. अदालत कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
तीन राजधानियां बनाने के लिए लाया गया था कानून
सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के जरिए मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी तीन राजधानियों का निर्माण करना चाहते थे- अमरावती को विधायी राजधानी के रूप में, विशाखापतनम को कार्यकारी राजधानी के रूप में और कुरनूल को न्यायिक राजधानी के रूप में.
अमरावती में किसानों के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था.
विधानसभा सत्र में राज्य सरकार के वित्त, योजना और विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ रेड्डी ने आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास निरसन विधेयक, 2021 पेश किया था, जो आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास को संदर्भित करता है.
राज्य सरकार का यह फैसला तब आया है जब केन्द्र सरकार के द्वारा हाल ही में तीन कृषि कानूनों को किसानों के विरोध के चलते वापस लिया गया है.
बता दें कि हाईकोर्ट की खंडपीठ में तीन राजधानियां बनाए जाने वाले विधेयक के खिलाफ दायर की गई याचिका पर 15 नवंबर से सुनवाई चल रही थी. अमरावती को राजधानी बनाने के लिए जिन किसानों ने 34 हजार एकड़ भूमि सरकार को दी थी, उन्ही के द्वारा इस कानून के खिलाफ अदालत में चुनौती दी गई थी, जिसमें 100 से अधिक अर्जियां दायर की गई थीं.
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