दिल्ली (Delhi) के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि अध्यादेश को लेकर कांग्रेस (Congress) आम आदमी पार्टी (AAP) के समर्थन में है या नहीं उसे 23 जून को पटना में होने वाली गैर बीजेपी दलों की बैठक में यह साफ कर देना चाहिए.
AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर अध्यादेश पर चर्चा के लिए बैठक की मांग की थी.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि...
"वे अब भी उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि यह बैठक जाहिर तौर पर अध्यादेश के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए है, लेकिन 2024 में चुनाव के लिए गठबंधन की बात भी की जा सकती है."
वहीं, कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि, "राहुल जी को इस विचार के खिलाफ समझा जाता है, लेकिन केजरीवाल के साथ गठबंधन के पक्ष और विपक्ष में कई प्रतिनिधिमंडलों ने तर्क के साथ खड़गे जी से मुलाकात की है."
पार्टी के एक अन्य नेता ने दावा किया कि, "सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत हाल ही में पिछले हफ्ते तक हुई थी. यहां तक कि आप और कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के खिलाफ एक संयुक्त चुनावी मोर्चा बनाने के लिए एक साथ आने की संभावना रखते हैं, ये अलग बात है कि दोनों पार्टियां पब्लिकली जुबानी जंग में उलझती रहती है."
क्या बोले अरविंद केजरीवाल?
केजरीवाल ने 20 जून को कहा था कि "ये कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह 23 जून को पटना में गैर-बीजेपी दलों की बैठक में दिल्ली अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करती है या नहीं."
बैठक बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश द्वारा बुलाई गई है. बैठक में आगामी 2024 लोकसभा चुनावों पर चर्चा होगी.
केजरीवाल ने कहा कि, "मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करेगी, क्योंकि उस बैठक में अन्य सभी राजनीतिक दल कांग्रेस से उसका रुख पूछेंगे… मैं इस अध्यादेश के खतरों के बारे में बताऊंगा…” उन्होंने कहा कि इसी तरह का अध्यादेश अन्य राज्यों में भी जारी हो सकता है.
AAP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि...
गैर-बीजेपी पार्टियों के मिलने का मतलब गठबंधन पर चर्चा होना लाजमी है. उन्होंने कहा कि, “यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि कोई भी गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर बना है. राज्यों में, हर पार्टी अपने तरीके से चलेगी … हमारे बीच मतभेद हैं लेकिन हम बीजेपी के खिलाफ देश के लिए एक साथ आ रहे हैं.”
तमिलनाडु में नतीश की गैर मौजूदगी पर स्टालिन क्या बोले?
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार ने 20 जून को डीएमके संस्थापक एम करुणानिधि के सम्मान में एक स्मारक के उद्घाटन समारोह के लिए तमिलनाडु की यात्रा को आखिरी समय में रद्द कर दिया, जेडीयू ने इसके लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है.
ये खबर तब आई जब अगले तीन दिन में विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक होनी है जिसमें डीएमके भी शामिल होगी.
हालांकि, नीतीश की गैरमौजूदगी में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जल संसाधन मंत्री संजय के झा इस कार्यक्रम में शामिल हुए. बता दें कि, 23 जून को पटना में लगभग 20 विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है.
वहीं, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने जोर देकर कहा कि...
“मैं भी पटना जा रहा हूं. मैं आपको पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं, मैं भी करुणानिधि की विरासत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पटना जा रहा हूं. अगर मैं पटना नहीं जाता, तो तमिलनाडु की हजारों साल पुरानी विरासत मिट जाएगी.”
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