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पॉल्यूशन से लेकर डुबकी लगाने तक केजरीवाल सरकार की 5 बड़ी चुनौतियां

मुफ्त सेवाओं से लेकर जनलोकपाल तक केजरीवाल सरकार के सामने कई चुनौतियां

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दिल्ली ने एक बार फिर अपने सीएम के तौर पर अरविंद केजरीवाल को चुना है. केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को कुल 70 सीटों में से 62 पर जीत मिली. इस प्रचंड जीत के बाद अब शपथ ग्रहण की तैयारी है. लेकिन इस बड़े जनादेश के बाद केजरीवाल सरकार को जनता की उम्मीदों पर एक बार फिर खरा उतरना होगा. उनके सामने कई चुनौतियां होंगी. जानिए कौन सी वो चुनौतियां होंगी जिनसे केजरीवाल को पार पाना होगा.

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1. फ्री योजनाओं को लागू रखना

आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली में प्रचंड बहुमत से जीती हो, लेकिन जीत के बाद भी आरोप लग रहा है कि मुफ्त चीजें देने के चलते पार्टी को जीत हासिल हुई. कई लोगों ने दिल्ली की जनता को मुफ्तखोर तक बता दिया. लेकिन अब सरकार बनने के बाद केजरीवाल सरकार इन योजनाओं को कैसे आगे बढ़ाते हैं ये देखने वाली बात होगी. सरकार को बिना घाटे में लाए कैसे जनता को सुविधाएं देनी हैं ये केजरीवाल सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा.

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2. पॉल्यूशन का सॉल्यूशन

दिल्ली में भले ही केजरीवाल ने काम पर वोट मांगे हों, लेकिन हर साल दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो जाती है. इस साल भी दीवाली के बाद दल्ली में एयर पॉल्यूशन का लेवल आपतकालीन स्थिति तक पहुंच गया था. यहां AQI यानी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स अपने सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंचा. इसीलिए इस बार केजरीवाल को पॉल्यूशन का सॉल्यूशन तलाशना होगा.

केजरीवाल के सामने एक बड़ी चुनौती ये भी होगी कि वो पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में जलनी वाली पराली की समस्या से कैसे निपटते हैं. केजरीवाल की ऑड-ईवन स्कीम पर भी कई सवाल उठ चुके हैं. इसीलिए अब उन्हें कई कदम भी उठाने होंगे. ये उनकी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
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3. यमुना में डुबकी लगा पाएंगे केजरीवाल?

अब जब बात चुनौतियों की हो रही है तो यमुना को कैसे भूला जा सकता है. जिसे लेकर खुद केजरीवाल ने ही चैलेंज ले लिया था. केजरीवाल ने कहा है कि अगले पांच से पहले-पहले वो यमुना को इतना साफ कर देंगे कि इसमें डुबकी लगाई जा सकेगी. अब सरकार बनने के बाद यमुना का क्या कायापलट होता है ये देखना दिलचस्प होगा. अपने ही चैलेंज को पूरा नहीं किया तो उनके लिए अगली बार इस पर बचाव करना मुश्किल साबित हो जाएगा.

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4. जनलोकपाल को पारित करना

दिल्ली चुनाव में केजरीवाल सरकार पर एक बड़ा आरोप ये भी लगाया गया कि जिस केजरीवाल ने जनलोकपाल के मुद्दे पर दिल्ली की राजनीति में कदम रखा, वो अब इसे भूल चुके हैं. दिल्ली में पिछले पांच सालों से जन लोकपाल लागू नहीं हो पाया. अब केजरीवाल सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती होगी कि कैसे जनलोकपाल को दिल्ली में लाया जाए.

हालांकि केजरीवाल सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि पिछले चार सालों से उसने जनलोकपाल को लंबित रखा है. जिसे पास कराने के लिए वो अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
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5. हर घर नल का शुद्ध जल

चुनाव के दौरान केजरीवाल सरकार पर एक बड़ा आरोप ये भी लगाया गया कि वो दिल्ली को शुद्ध जल नहीं दे पाए. खुद पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली में तंज कसते हुए कहा कि "गरीबों को घर मिलेगा, घर में नल भी मिलेगा और उस नल में शुद्ध जल भी मिलेगा." वहीं केजरीवाल ने भी अपने चुनावी घोषणापत्र में हर घर 24 घंटे शुद्ध पीने के पानी की सुविधा देने की बात कही है. साथ ही कहा गया था कि हर परिवार को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी की योजना जारी रहेगी.

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