गुरुवार, 20 जनवरी को राजस्थान (Rajsthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत के ओर’ के राष्ट्रीय लॉन्चिंग प्रोग्राम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि देश में "हिंसा और तनाव का माहौल" है. आलोचनात्मक लहजे में सीएम गहलोत ने आगे कहा कि हमारी चाहत है कि देश में इस तरह के माहौल से हम छुटकारा पाएं.
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि देश में शांति और सद्भाव पैदा हो, हम चाहते हैं कि हम शांति और विकास की ओर बढ़ें.
हालांकि, पीएम मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका पर बोलते हुए इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया.
राजस्थान में सामने आए सांप्रदायिक मामले
राजस्थान उन राज्यों में से एक रहा है, जहां पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.
पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान बारां जिले के छाबड़ा कस्बे में दो लोगों की चाकू मारकर हत्या करने के बाद सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी, जिसमें दर्जनों वाहनों और दुकानों में आग लगा दी गई थी, इसके साथ तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई थीं. इस घटना के होने के बाद एहतियातन क्षेत्र में बड़ी सभाओं पर रोक लगा दिया गया और सेलफोन इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया था.
देश के विभिन्न इलाकों में सांप्रदायिक घटनाओं के लिए कांग्रेस ने बार-बार बीजेपी नेतृत्व को दोषी ठहराया है. दूसरी ओर बीजेपी ने इस तरह के आरोपों को हमेशा नकारा है.
दिल्ली और हरिद्वार में हुए नफरती प्रोग्राम
दिल्ली और हरिद्वार में नफरत से भरे धार्मिक आयोजनों के बाद बीजेपी पर लगने वाले इस तरह के आरोपों बढ़ोतरी हुई है. इससे संबंधित कुछ आयोजकों और प्रतिभागियों द्वारा दिए गए नफरती भाषणों की कई सामाजिक लोगों, पूर्व सेना प्रमुखों, रिटायर्ड जजों, कार्यकर्ताओं और टेनिस दिग्गज मार्टिना नवरातिलोवा जैसे लोगों ने निंदा की.
बता दें कि मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार और हथियारों के इस्तेमाल का आह्वान करने वाले भाषणों को लेकर दर्ज किए गए एफआईआर में 10 से अधिक लोगों के नाम थे. पिछले दिनों इनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तराखंड सरकार से इस मामले में की गई कार्रवाई पर एफिडेविट मांगे जाने के बाद नफरत से सराबोर ‘अधर्म संसद’ के आयोजक यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी हुई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)