असम (Assam) के सिलचर (Silchar) में शनिवार, 25 दिसंबर को बजरंग दल (Bajran Dal) के कुछ लोगों ने चर्च (Church) में घुस कर क्रिसमस के आयोजन में खलल डाला, क्योंकि उनका मानना था कि क्रिसमस के दिन हो रहे समारोह की वजह से हिंदू अपने त्योहारों में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं इसलिए इस आयोजन को बंद कर दिया जाए.
चर्च में घुस कर बवाल काटने वाले बजरंग दल के लोगों ने कहा कि उन्हें क्रिसमस मनाने वाले ईसाइयों के खिलाफ कोई आपत्ति नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वे हिंदुओं को ऐसा नहीं करने देंगे, क्योंकि 25 दिसंबर को 'तुलसी दिवस' भी होता है.
सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो के अनुसार बजरंग दल के एक वेयक्ति ने कहा, "हम क्रिसमस के खिलाफ नहीं हैं... क्रिसमस केवल ईसाईयों को मनाने दें. हम क्रिसमस समारोह में भाग लेने वाले हिंदू लड़के और लड़कियों के खिलाफ हैं. आज हिंदुओं का तुलसी दिवस है, लेकिन ये किसी ने नहीं मनाया. इससे हमारी भावनाएं आहत होती हैं... हर कोई मेरी क्रिसमस कह रहा है. हमारा धर्म कैसे बचेगा?"
एनडीटीवी के अनुसार, असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले को लेकर अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है और इसलिए कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. पुलिस ने इसे "छोटा हंगामा" करार दिया है, जिसमें स्वत: संज्ञान लेने की आवश्यकता नहीं है.
बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब सिलचर में क्रिसमस त्योहार को निशाना बनाया गया है. पिछले साल भी बजरंग दल के एक नेता ने कहा था कि क्रिसमस मनाने वाले हिंदुओं को पीटा जाएगा.
एनडीटीवी के अनुसार, हरियाणा के गुरुग्राम में कुछ मामले ऐसे हुए जहां राइट विंग संगठन के लोगों ने चर्च में घुस कर बवाल मचाया साथ ही कर्नाटक में ईसाई धर्म की किताबों को जलाने के मामले सामने आएं हैं. वहीं पिछले 11 महीनों में दक्षिणी राज्य में ऐसे लगभग 40 हमले हुए हैं.
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