28 सालों के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बाबरी विध्वंस केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस केस में आरोपी आडवाणी, जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान को समेत 32 लोगों की बरी कर दिया गया है. इस केस में तमाम नेताओं की प्रतिकिया भी सामने आ रही है. जहां बीजेपी के नेता इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, वहीं विपक्षी नेताओं ने कोर्ट के इस फैसले की आलोचना की है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा-
कोर्ट ने कहा है कि ये कोई साजिश नहीं थी, ये ही निर्णय अपेक्षित था, हमें उस एपिसोड को भूल जाना चाहिए,अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है. अगर बाबरी का विध्वंस नहीं होता, तो आज जो राम मंदिर का भूमिपूजन हुआ है वो दिन हमें देखने को नहीं मिलता.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के इस फैसले पर अपने ट्वीट में लिखा है-
CBI कोर्ट का आज का ये फैसला भारत की अदालत की तारीख का एक काला दिन है. सारी दुनिया जानती है कि बीजेपी, RSS, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी में विध्वंस हुआ. इसकी जड़ कांग्रेस पार्टी है, इनकी हुकूमत में मूर्तियां रखी गईं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीबीआई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया है-
लखनऊ की कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमा जी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है.
वहीं सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
सत्यमेव जयते! CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों, बीजेपी नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया।. इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा- ‘सभी पर बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया. यह आत्म निहित है? तत्कालीन सीजेआई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा था कि विध्वंस कानून का उल्लंघन है. अब यह फैसला! शर्म की बात है.’
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