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नड्डा से मुलाकात के बाद बोले बाबुल सुप्रियो- बना रहूंगा सांसद, नहीं छोड़ रहा BJP

Babul Supriyo ने किया था राजनीति छोड़ने का ऐलान

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बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति छोड़े का ऐलान कर दिया था. लेकिन अब सुप्रियो का एक और बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वो अब भी सांसद रहेंगे. बता दें कि बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद हैं. अब उन्होंने कहा है कि वो अपने संवैधानिक कर्तव्य के तौर पर संसदीय क्षेत्र में काम करना जारी रखेंगे. इसके अलावा दूसरी पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर भी सुप्रियो ने जवाब दिया.

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जल्द छोड़ दूंगा दिल्ली का बंगला- सुप्रियो

बाबुल सुप्रियो और उनकी पार्टी बीजेपी के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. इसीलिए उनके किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं. लेकिन इसे लेकर अब सुप्रियो ने खुद कहा है कि वो कोई दूसरी पार्टी ज्वाइन नहीं करने वाले हैं. सुप्रियो ने कहा,

"जो राजनीति हो रही थी वो संवैधानिक पद को लेकर थी, जिससे मैंने खुद को पीछे हटा लिया है. मैं किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं. मैं दिल्ली में सांसद के तौर पर मिला बंगला वापस कर दूंगा और जल्द ही अपने सुरक्षाकर्मियों को भी उनकी ड्यूटी से मुक्त कर दूंगा."

बता दें कि इससे पहले बाबुल सुप्रियो ने एक फेसबुक पोस्ट में अपने संन्यास की घोषणा की थी. उन्होंने लिखा था, "अलविदा. मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा हूं. TMC, CPI(M), कांग्रेस किसी ने मुझे नहीं बुलाया है." उन्होंने कहा था कि राजनीति में रहते हुए समाजिक काम करना मुश्किल है. इस दौरान उन्होंने लिखा था कि वो नड्डा या अमित शाह से मुलाकात करने नहीं जाएंगे, क्योंकि ऐसा करने की उनकी हिम्मत नहीं हो रही. हालांकि अब सुप्रियो की नड्डा से मुलाकात हुई है.

टीएमसी ने बताया था ड्रामा

बता दें कि इससे पहले जब सुप्रियो ने अपने संन्यास को लेकर फेसबुक पोस्ट लिखा था तो टीएमसी की तरफ से इसे लेकर सवाल उठाए गए थे. टीएमसी ने कहा था कि जब वो राजनीति छोड़ रहे हैं तो उन्होंने स्पीकर को अपना इस्तीफा क्यों नहीं सौंपा? टीएमसी ने इसे ड्रामा करार दिया था.

इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी बाबुल सुप्रियो को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. जिस पर बाबुल सुप्रियो ने भी जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि लोग मेरे फैसले को अपनी तरह से देख रहे हैं. कुछ लोग अपनी मर्जी की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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