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बंगाल: राज्यपाल को हेलि‍कॉप्टर न मिला, ममता सरकार पर बरसे  

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने एक हेलीकॉप्टर के लिए आग्रह किया था, जिसका जवाब राज्य प्रशासन ने नहीं दिया.

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पश्चिम बंगाल में एक हेलि‍कॉप्टर राजभवन और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के बीच चल रहे अनबन का ताजा कारण बना. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने एक हेलि‍कॉप्टर के लिए आग्रह किया था, जिसका जवाब राज्य प्रशासन ने नहीं दिया. इस कारण उन्हें 300 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से करनी पड़ी.

धनखड़ को शुक्रवार को दोपहर 12.20 बजे मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का स्थित एसएनएच कॉलेज की रजत जयंती समारोह में पहुंचना था.

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धनखड़ ने कहा:

“300 किलोमीटर की दूरी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से एक हेलि‍कॉप्टर उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था. दुर्भाग्यवश राज्य सरकार ने जो जवाब दिया, वह कोई खास नहीं था. इसलिए हमने राजभवन के माध्यम से इस ओर ध्यान देने का फिर आग्रह किया. कोई जवाब नहीं दिया गया. इस बारे में एक संदेश मुख्यमंत्री को भेजा गया.”

राज्यपाल को उनके सचिव ने बताया कि मुख्य सचिव एक-दो दिन में जवाब देंगे. कॉलेज के समारोह में जाने के लिए धनखड़ और उनकी पत्नी सुबह पांच बजे सड़क मार्ग से रवाना हुए. धनखड़ ने कहा कि राज्य प्रशासन को राज्यपाल के संदेश को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा:

“मेरे पास जो मुख्यमंत्री का कोई संदेश आता है, मैं जवाब देने में 24 घंटे से ज्यादा विलंब नहीं करता.”
इससे पहले, राजभवन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी इस मुद्दे को प्रमुखता दी गई. कहा गया, “राज्यपाल श्री धनखड़ को एक दिन में लगभग 600 की यात्रा सड़क मार्ग से करनी पड़ी, क्योंकि हेलि‍कॉप्टर के लिए किए गए आग्रह का राज्य सरकार ने समय पर अनुकूल जवाब नहीं दिया.”
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राज्य के एक मंत्री ने हालांकि धनखड़ की मांग को 'अनर्गल' बताया और कहा कि उन्हें पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि हेलि‍कॉप्टर की जरूरत क्यों पड़ी. "जनता के पैसे का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."

इसी हफ्ते की शुरुआत में राज्यपाल ने नदिया जिले के शांतिपुर जाने के लिए एक हेलि‍कॉप्टर की मांग की थी. राज्य सरकार ने उस समय भी उनके आग्रह को यह कहकर ठुकरा दिया था कि हेलि‍कॉप्टर का उपयोग चक्रवाती तूफान बुलबुल से हुई तबाही से पीड़ित लोगों के लिए राहत कार्य में किया जा रहा है.

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मुख्यमंत्री ने गुरुवार को नाम लिए बिना 'मनोनीत व्यक्ति' कहकर धनखड़ पर प्रहार किया था और उन पर 'बीजेपी का मुंहनाल (बाजे का वह हिस्सा, जिसे मुंह में लगाया जाए)' की तरह व्यवहार करने और 'समांतर प्रशासन चलाने' का आरोप लगाया था.

(IANS)

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