सूत्रों के अनुसार, संगरूर के सांसद भगवंत मान (Bhagwant Mann) आगामी पंजाब चुनावों (Punjab Election) के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
अभी हाल ही में, आम आदमी पार्टी (आप) ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए शहर के 35 वार्डों में से 14 पर जीत हासिल की, जो बहुमत से थोड़ा कम था.
कांग्रेस में अंदरूनी कलह और विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के झगड़े के बीच, 'आप' को पंजाब विधानसभा चुनावों से बहुत उम्मीदें हैं.
भगवंत मान क्यों हैं पार्टी के लिए भरोसेमंद चेहरा
आप की पंजाब इकाई में भगवंत मान इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनके बड़े पैमाने पर फॉलोअर्स हैं
उन्होंने लगातार दो लोकसभा चुनाव जीते हैं, ऐसा करने वाले आप के एकमात्र नेता हैं.
वह एक प्रभावी और मनोरंजक वक्ता हैं और पंजाब में अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी के मुख्य भीड़ खींचने वाले हैं.
आप की पंजाब इकाई के प्रमुख होने के नाते वह राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं की मुख्य पसंद भी हैं.
सुखपाल खैरा, एचएस फूलका, सुच्चा सिंह छोटेपुर, गुरप्रीत घुग्गी जैसे कई शीर्ष नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद भी वह पार्टी के प्रति वफादार रहे.
मालवा से जाट सिख होने के कारण वह पार्टी के मूल आधार के अनुरूप हैं.
पंजाब में घोषणाओं की बाढ़
इस बीच, पंजाब कांग्रेस की प्रचार समिति के प्रमुख सुनील जाखड़ ने 29 दिसंबर को घोषणा की थी कि पार्टी "संयुक्त नेतृत्व" के तहत आगामी राज्य चुनाव लड़ेगी, जिससे नवजोत सिंह सिद्धू की मुख्यमंत्री पद के लिए नाम आगे करने की उम्मीदों को झटका लगा.
चुनावों से पहले, अरविंद केजरीवाल ने राज्य के प्रत्येक घर के लिए 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 24 घंटे बिजली की आपूर्ति और सरकार बनाने पर सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और दवाओं सहित कई वादे किए हैं.
22 नवंबर को केजरीवाल ने घोषणा की थी कि पंजाब में 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को सीधे उसके खाते में 1,000 रुपये प्रति माह जमा कराए जाएंगे.
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