भीम आर्मी ने धमकी दी है कि अगर उसके बड़े नेताओं- चंद्र शेखर और विनय रतन- को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो वह नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा. चंद्रशेखर और भीम आर्मी के दूसरे नेताओं को संत रविदास मंदिर के गिराए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के दौरान 21 अगस्त को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था.
प्रदर्शन की चेतावनी
भीम आर्मी के बरेली इकाई के प्रभारी अजय प्रधान ने कहा कि अगर उनके नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया और फिर से मंदिर निर्माण कराने की मंजूरी देने से इनकार किया गया तो वे पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे. भीम सेना के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित किया गया है.
प्रधान ने दावा किया कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ढाल बना रही है और उनके देवी-देवताओं की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है.उन्होंने कहा कि मंदिर को गिराने का हालिया कदम दलित समुदाय के प्रति केंद्र की उदासीनता दशार्ता है.
क्या है मामला?
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तुगलकाबाद स्थित मंदिर को ध्वस्त कर दिया था. दलित कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह 21 अगस्त को उग्र हो गया और हाथापाई के दौरान कम से कम 80 कारें क्षतिग्रस्त हो गईं और कुछ स्थानीय लोग भी घायल हुए. घटना के बाद, दिल्ली पुलिस ने चंद्र शेखर सहित 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया.
(फोटो: IANS)
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