ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार में अमित शाह और महागठबंधन की रैलियां: संकेत मिले आगे कैसा होगा सियासी समर?

Bihar Politics: 2024 और 2025 की लड़ाई दोनों पक्ष किन सियासी हथियारों से लड़ने वाले हैं, इसका इशारा रैलियों से मिला

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बिहार (Bihar) शनिवार, 25 फरवरी को सियासी रणभूमि बन गया. एक तरफ पश्चिमी चंपारण से अमित शाह (Amit Shah) ने नीतीश (Nitish Kumar) पर तीर चलाए तो महागठबंधन ने पूर्णिया के मंच से बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा. लेकिन दोनों पक्षों की ओर से जो बातें कहीं उनका मतलब क्या समझ में आ रहा है. 2024 और 2025 की लड़ाई दोनों पक्ष किन सियासी हथियारों से लड़ने वाले हैं इसका इशारा आज की रैलियों में मिला.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

गठजोड़ में डालो दरार, जीत लो बिहार?

पश्चिमी चंपारण से गृहमंत्री अमित शाह ने पूछा कि नीतीश जी ये तो बताइए कि तेजस्वी कब सीएम बनेंगे?

"मैं आज एक गुप्त समझौते की बात करने आया हूं और नीतीश कुमार को चैलेंज करने आया हूं, नीतीश कुमार ने लालू यादव को बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है लेकिन तारीख नहीं बताते हैं."
अमित शाह

उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद जी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का एक गुप्त समझौता किया है, पर कब बनाएंगे उसकी तिथि नहीं बताते हैं.

शाह ने साथ में ये भी ऐलान किया कि अब कभी नीतीश कुमार से बीजेपी गठबंधन नहीं करेगी. अमित शाह डील की ये बात करके एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश कर रहे थे.

अभी हाल में ही हमने देखा है कि इसी कथित डील को मुद्दा बनाकर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पार्टी छोड़ गए. हम जानते हैं कि जेडीयू के अंदर इस चर्चा से बहुत अशांति है कि नीतीश कुमार तेजस्वी के लिए सीएम की कुर्सी छोड़ सकते हैं. RJD से भी जब तक ये मांग उठती रहती है. ये मुद्दा JDU और RJD के गठबंधन नुकसान पहुंचाने वाली चिंगारी की तरह बन गया है. बस इसी चिंगारी को अमित शाह हवा दे रहे थे. एक तरफ वो आरजेडी नेताओं को अरमानों को परवान दे रहे थे और दूसरी तरफ JDU के नेताओं के असंतोष को बढ़ा रहे थे. दोनों ही हालत में फायदा बीजेपी को ही होगा.
0

नीतीश ने पूर्णिया से दिया जवाब

जब अमित शाह ने कहा कि अब कभी नीतीश से समझौता नहीं करेंगे तो वो ऐसी चर्चाओं की याद ताजा कर रहे थे, जिनमें कहा जा रहा था कि JDU की RJD से खटपट बढ़ रही है और शायद एक बार फिर नीतीश पाला बदलेंगे.

कुल मिलाकर शाह नीतीश की साख पर सवाल उठा रहे थे. लिहाजा पूर्णिया के मंच से नीतीश ने जवाब दिया कि वो तो बीजेपी के वफादार थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें धोखा दिया, जिसके कारण उन्हें लालू से हाथ मिलाना पड़ा, उस लालू से हाथ मिलाना पड़ा जिनसे उनके बहुत पुराने संबंध रहे हैं.

"हम तो बीजेपी के लोगों को जिताने में लगे थे लेकिन उन लोगों ने धोखा दिया."
सीएम नीतीश कुमार
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की रणनीति

कास्ट फैक्टर के हिसाब से देखें तो अभी बिहार का सियासी समर महागठबंधन के पक्ष में है. महागठबंधन को अल्पसंख्यक वोट भी एकमुश्त मिलने की उम्मीद रहेगी. लिहाजा पूर्णिया के मंच से महागठबंधन के नेताओं ने दलितों और मुसलमानों से सीधा संवाद किया. नेताओं ने वोटर को चेताया कि बीजेपी सिर्फ तोड़ने का काम करती है.

उधर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुडे़ लालू यादव ने भी बताया कि बीजेपी आरएसएस का मुखौटा है और आरएसएस दलित विरोधी है. उन्होंने गोलवलकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले दलितों को जूतों से मारने की बात कही थी. उधर तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए ओवैसी के बहकावे में न आने की सलाह दी, क्योंकि बकौल उनके वो तो बीजेपी की बी टीम हैं.

"आप लोग चौकन्ना रहिए, 24 में सीमांचल के क्षेत्र में आकर ये लोग कुछ न कुछ करेगा जरूर. एक बीजेपी की बी टीम है जो चाहेगा कि सीमांचल में नफरत की राजनीति करें."
तेजस्वी यादव

कुल मिलाकर समझ ये आ रहा है कि बिहार 2024 की महाभारत में बिहार दोनों ही पक्षों के लिए बिहार बहुत बड़ा बैटल ग्राउंड है. एक के बाद एक रैलियां बता रही हैं कि दोनों पक्ष इस जमीन को छोड़ने की गलती नहीं करना चाहते. लिहाजा दोनों पक्ष तलवार-बरछे लेकर अभी से मैदान में उतर गई हैं. बीजेपी जहां नीतीश की वादा खिलाफी और RJD राज का डर दिखा कर बिहार को जीतना चाहती है, वहीं महागठबंधन दांव ये है कि बीजेपी दलित-मुसलमान विरोधी और जुमलाबाज पार्टी है. बिहार के लिए उसने कुछ नहीं किया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×