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'तेजस्वी भव:', RJD के हर फैसले अब तेजस्वी यादव लेंगे, लालू ने दिया अधिकार

RJD के विधानमंडल दल की बैठक में विधायक आलोक मेहता की ओर से ये प्रस्ताव लाया गया था.

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लालू प्रसाद यादव का उत्तराधिकारी कौन होगा? राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की कमान किसके हाथ में जाएगी? इस सवाल पर अब लगभग फुल स्टॉप लग गया है. क्योंकि आरजेडी में अब लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बाद हर फैसले का हक तेजस्वी यादव को मिला है. यानी आरजेडी में अब जो भी फैसला तेजस्वी (Tejashwi Yadav) लेंगे वो सबको मानना होगा.

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दरअसल, पटना 10 सर्कुलर रोड यानी राबड़ी आवास पर आरजेडी के विधानमंडल दल की बैठक हुई थी, जिसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे. इसी दौरान तेजस्वी के भविष्य को लेकर फैसला हो गया.

बता दें कि आरजेडी के विधानमंडल दल की बैठक में आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और विधायक आलोक मेहता की ओर से प्रस्ताव लाया गया था कि तेजस्वी को सभी फैसलों के अधिकार मिले. जिसके बाद सभी विधायकों से हाथ उठवाकर ये पूछा गया कि अगर तेजस्वी यादव कोई भी फैसला लेंगे उसपर आप लोग सहमत होंगे? इस के जवाब में सबने हाथ उठाकर हां कहा. फिर दूसरा सवाल पूछा गया कि क्या तेजस्वी यादव पर भरोसा और विश्वास है? सबने फिर हां कहा.

मीटिंग के बाद आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि पार्टी की रणनीति से जुड़े हुए फैसले अब तेजस्वी लेंगे.

उदय नारायण चौधरी ने कहा, “इस बैठक में तेजस्वी प्रसाद यादव को अधिकृत किया गया है, सर्वसम्मति से कि जो संघर्ष के मुद्दे होंगे, जो भी आगे का रास्ता तय करना है, वो सब निर्णय लेने का अधिकार तेजस्वी प्रसाद यादव को होगा.”

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क्यों तेजस्वी को मिली कमान

लालू प्रसाद यादव लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, साथ ही चारा घोटाला समेत दूसरे मामलों में वो काफी वक्त से जेल में भी थे, जिस वजह से पार्टी के नीतिगत फैसलों पर असर पड़ रहा था. इसके अलावा पार्टी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी लालू यादव से कई बार तेजस्वी को कमान सौंपने की बात कही थी. अभी हाल ही में शिवानंद तिवारी ने एख फेसबुक पोस्ट के जरिए लालू यादव को बिना देर किए तेजस्वी को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपने की सलाह दी थी.

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तेज प्रताप और तेजस्वी में रिश्ते पर उठते रहे हैं सवाल

पिछले कुछ वक्त से मीडिया और विपक्षी पार्टियां लालू परिवार में फूट और तेज प्रताप-तेजस्वी के रिश्ते में खटास की बातें करती रही हैं. पिछले साल लालू परिवार में जारी घमासान सबके सामने आ गया था जब लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव मीडिया के सामने अपने भाई तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा बयान दिया था.

तेज प्रताप जब अपनी मां राबड़ी के आवास पर भाई तेजस्‍वी यादव से मिलने पहुंचे थे. तब कुछ ही देर बाद तेजप्रताप गुस्‍से में घर से बाहर निकलते हुए कहा था कि उन्‍हें उनके भाई से बात करने नहीं दिया जा रहा है. तेज प्रताप ने कहा था कि तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव (Sanjay Yadav) ने उन्हें भाई से मिलने से रोका है. भाई से बात नहीं करने दिया.

यही नहीं आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जब तेजप्रताप के करीबी माने जाने वाले छात्र आरजेडी अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटाया था तब भी तेज प्रताप नाराज हो गए थे. हालांकि तेज प्रताप लगातार तेजस्वी को अपना अर्जुण बुताते रहे हैं.

वहीं तेजस्वी को फैसले का अधिकार जब दिया जा रहा था तब तेज प्रताप भी वहां मौजूद थे. तेज प्रताप ने अपने ट्विटर पर कार्यक्रम के बाद की फोटो भी शेयर की है, जिसमें वो अपने भाई तेजस्वी और पिता लालू यादव के साथ दिख रहे हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस फैसले से तेज प्रताप को कोई आपत्ति नहीं है.

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