लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी पार्टियां एक साथ जुटकर तैयारी कर रही हैं. 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की मीटिंग (Opposition Meeting, Patna) हुई, देश भर की मुख्य विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए. मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने अपनी बात कही. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी पार्टियों की सहमति एक साथ चलने की हुई है, बहुत अच्छे ढंग से सबकी सहमति हो गई है. कुछ दिनों बाद अगली मीटिंग फिर की जाएगी, जिसको मल्लिकार्जुन खड़गे जी करेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि अभी जो शासन में हैं, वो अच्छे से काम नहीं कर रहे हैं
"हम कॉमन एजेंडा तैयार कर रहे"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने कहा कि सभी नेतागण मिले और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक नाम बताए गए. सभी नेता एक होकर हम आगे चुनाव लड़ने का कॉमन एजेंडा तैयार कर रहे हैं. हम 10 या 12 जुलाई को शिमला में हम वहां फिर मिल रहे हैं. वहां पर बैठकर हम एक एजेंडा बनाएंगे कि किस तरह से हम आगे बढ़ सकते हैं. सभी लोग मिलकर हम फैसला करेंगे.
हम एकजुट होकर 2024 में लड़ाई हमको लड़ना है और बीजेपी को सत्ता से बाहर करना तय किया गया है. हम उसमें जरूर कामयाब होंगे. इस मीटिंग को होस्ट करने के लिए मैं नीतीश का धन्यवाद करता हूं.मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष
"हिंदुस्तान की नींव पर BJP-RSS हमला कर रही"- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश जी ने हमें बिहार की सभी डिशेज खिला दीं. हिंदुस्तान की नींव पर बीजेपी और आरएसएस आक्रमण कर रही है. ये विचारधारा की लड़ाई है, हम इसमें एक साथ खड़े हैं. हमने ये फैसला लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे, फ्लेक्सिबिलिटी के साथ. जो हमारी विचारधारा है, हम उसकी रक्षा करेंगे.
"पटना से जो शुरू होता है, एक जनआंदोलन का रूप लेता है"- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मीटिंग बहुत अच्छे तरीके से ऑर्गनाइज हुई. लालू जी बहुत दिनों बाद राजनीतिक मीटिंग में उतरे. मैंने पटना में मीटिंग के लिए इसलिए नीतीश जी को बोला था कि पटना में जो शुरू होता है, उसका एक जनआंदोलन का रूप लेता है. दिल्ली में हमने कई मीटिंग की लेकिन कोई अच्छा रिजल्ट नहीं निकला, इसलिए अब पटना से शुरुआत हुई है. हम लोग एक हैं.
हम लोग एक साथ लड़ेंगे, हमको अपोजिशन मत बोलो, हम लोग भी देश के नागरिक हैं. हम भी भारत माता कहते हैं. बीजेपी की तानाशाही चल रही है, कोई कुछ बोलता है तो उसके खिलाफ ईडी और सीबीआई लगा दी जाती है. मीडिया को तो पूरा कंट्रोल किया गया है.ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो भी देशद्रोही हैं और तानाशाही लाना चाहते हैं... हम उसके विरोध में होंगे. आज शुरुआत हो गई है, शुरुआत अच्छी होती है तो सब अच्छा होता है.
"हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं, आईन बचाने की लड़ाई है"
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है, इख्तिदार हमारी मंजिल नहीं है. ये उसूलों और विचारधारा की लड़ाई है. ये सोच, इरादों और मुल्क के आईन को बचाने की लड़ाई है.
CPI(M) नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि आज हमारे देश के चरित्र की हिफाजत करनी है. हमारा चरित्र है धर्मनिर्पेक्ष गणराज्य है, जिसको बीजेपी शासन फासीवादी राष्ट्र के रूप में बदलना चाहते हैं.
कई सारे जनआंदोलन भी होंगे, जनता के समस्याओं के ऊपर- बेरोजगारी मंहगाई पर. राज्यों में ठोस रूप से बात होगी कि किस तरह से चुनावी तालमेल हो, जिससे बीजेपी और सांप्रदायिक ताकतों को फायदा न मिले.CPI(M) नेता सीताराम येचुरी
"J&K संविधान पर हमला का प्रयोगशाला बन चुका है"
PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जो मुल्क के अंदर हो रहा है और हमारे लोकतंत्र, संविधान, सेक्युलरिज्म पर हमला हो रहा है उसका प्रयोगशाला हमारा जम्मू-कश्मीर बन चुका है. इसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर से हुई है और पूरे मुल्क में वहीं हो रहा है जो हमारे साथ हुआ है. हमने जिस महात्मा गांधी, नेहरू के मुल्क के साथ हाथ मिलाया है, वही आइडिया ऑफ इंडिया है.
"लोकतंत्र पर तेजी से प्रहार हो रहा"
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज इस लोकतंत्र में कुछ चीजों पर तेजी से प्रहार दिखाई दे रहा है. आप सब लोग और कई संस्था व्यवस्था होने के बावजूद भी आज आम लोगों के अंदर, किसान, मजदूर, पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के अंदर क्या मनः स्थिति बन रही है, वो आपको पता है.
इस देश की जो दुनिया में एक छवि रही है- अनेकता में एकता, जिसका लोहा सदियों से दुनिया ने माना उस एकता में दरारें पड़ने लगी हैं. उसको दुरुस्त करने का काम किया जाएगा.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पटना और बिहार नए राजनैतिक नवजागरण की आभा बन रहा है. आज केवल दल नहीं देश के नेता मिल रहे हैं. देश कैसे आगे आगे बढ़े, इस दिशा में हम मिलकर काम करेंगे.
"हनुमान जी हम लोग के साथ हैं"
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जो बैठक हुई है, उसमें बहुत खुल करके सभी लोगों ने अपने इरादे को रखा है और ये तय हुआ है कि अगले महीने फिर मीटिंग होगी, उसमें आगे के कार्यक्रम पर चर्चा होगी. एक होकर लड़ना है, देश की जनता बोलती थी कि वोट है आप लोगों का लेकिन आप लोग मिलते नहीं हैं , एकजुट नही होते हैं वोट बट जाता है. अब नरेंद्र मोदी घूम कर अमेरिका में जाकर चंदन की लकड़ी बांट रहे हैं, जो अमेरिका मोदी और अमित शाह को गुजरात में घटनाओं के बाद देश में जाने से मना कर दिया था.
देश टूट के कगार पर खड़ा है. हम तो भिंडी खरीदने नहीं जाते हैं, लेकिन मालूम हुआ की साठ रूपए किलो हो गया है इसका दाम.लालू प्रसाद यादव
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू मुस्लिम का नारा देकर लड़ाई कर हनुमान जी का चुनाव में नाम लेकर ये लोग चुनाव लड़ते हैं. इस बार कर्नाटक में हनुमान जी नाराज हो गए, गदा ऐसा मारा कि राहुल गांधी की पार्टी जीत गई. हनुमान जी अब हम लोग के साथ हो गए हैं.
लालू यादव ने राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि राहुल गांधी देश भर में पैदल चलकर अच्छा काम किए और लोकसभा में भी अडानी के मामले में अच्छा काम किया. गौर करने वाली बात ये रही कि लालू ने इस दौरान राहुल गांधी को शादी करने की भी सलाद दे डाली.
किन बातों पर बनी आम सहमति?
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने पर हुई चर्चा.
सभी दल 2024 में बीजेपी रोकने के लिए एकमत हुए.
विपक्षी गठबंधन में बेहतर तालमेल के लिए किसी को संयोजक बनाने की जरूरत जताई गई.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के झगड़े को सुलझाने के लिए आगे आए शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कहा कि एक साथ आना होगा और आपसी मतभेद दूर करने होंगे.
सभी ने एक सुर से बड़ा दिल रखने की बात कही.
आपस में लड़ने से बीजेपी को फायदा होने को लेकर सभी नेताओं की सहमति बनी.
विपक्षी दलों की मीटिंग में क्या हुआ?
पटना में विपक्षी दलों की मीटिंग हुई. सूत्रों के मुताबिक इसमें शामिल सभी पार्टियों के अलग-अलग नेताओं ने अपनी बातें रखीं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य में कांग्रेस पार्टी के रवैए पर नाराज नजर आईं और उन्होंने खुलकर अपनी आपत्ति जताई.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अध्यादेश पर सबका साथ मांगा.
उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने दिल्ली अध्यादेश पर समर्थन देने की अपील की.
मीटिंग में कौन-कौन सी पार्टियां शामिल हुईं?
विपक्षी दलों की मीटिंग में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान, NC के उमर अब्दुल्ला, CPI महासचिव डी राजा, CPI(ML) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, शिवसेना (UBT) उद्धव ठाकरे, NCP चीफ शरद पवार, JDU के नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन, डीएमके चीफ एमके स्टालिन और CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हुए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)