बिहार की पार्टियों के लिए 16 अगस्त 'निष्कासन' वाला दिन रहा. पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके ठीक बाद खबर आई है कि अब सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने अपने मंत्री श्याम रजक को पार्टी से बाहर कर दिया है.
बिहार में चुनाव से ठीक पहले राज्य का दलित चेहरा माने जाने वाले रजक का जेडीयू से निकाला जाना पार्टी के लिए बड़ा फैसला माना जा रहा है. इसके पीछे की कारण भी अहम है, ऐसा माना जा रहा था कि वो पार्टी से इस्तीफा देने का मन बना रहे थे. बताया जा रहा है कि रजक कुछ दिनों से पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज थे. ऐसी भी चर्चाएं हैं कि राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक अब फिर से राष्ट्रीय जनता दल आरजेडी में जा सकते हैं.
श्याम रजक को अब उद्योग मंत्री पद से भी हटा दिया गया है.
आरजेडी छोड़कर जेडीयू में आए थे रजक
आरजेडी सरकार में मंत्री रहे रजक वर्ष 2009 में आरजेडी छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए थे. लालू प्रसाद के करीबी नेताओं में माने जाने वाले रजक जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर फिर से मंत्री बने.
आरजेडी ने निकाले तीन विधायक
उधर, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी ने महेश्वर प्रसाद यादव, प्रेम चौधरी और फराज फातमी को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है. ये तीनों विधायक पिछले कुछ महीनों से पार्टी की लाइन से हटकर बयान दे रहे थे और ऐसा बताया जा रहा था कि ये जेडीयू में जाने का मन बना चुके हैं.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और आलोक मेहता ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन तीनों विधायकों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने की जानकारी दी. महेश्वर प्रसाद यादव गायघाट से विधायक हैं, प्रेमा चौधरी पातेपुर से और फराज फातमी दरभंगा के केवटी से विधायक हैं.
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