भारत की सबसे खूबसूरत धरोहरों में से एक ताजमहल पर एक और बीजेपी नेता ने विवादित बयान दिया है. केंद्रीय राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत आने वाले विदेशी पर्यटक अब ताजमहल और सिदी सैय्यद मस्जिद जाने की बजाय अक्षरधाम मंदिर और स्टेचू ऑफ यूनिटी घूमने जाते हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने ताजमहल को भारत की पहचान बताने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा-
“पहले जब लोग दिल्ली आया करते थे तो उन्हें ताजमहल दिखाया जाता था. हिंदुस्तान इसे अपनी ताकत के तौर पर नहीं देखता है. हमने खुद इसे कभी नहीं पहचाना है. अब जब विदेशी लोग भारत आते हैं तो वो पहले अक्षरधाम देखने जाते हैं. वो ताजमहल देखने नहीं जाते.”
बता दें कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और उनकी पत्नी के साथ मस्जिद की सैर की थी. शिंजो आबे और उनकी पत्नी जब अहमदाबाद आए थे, तो पीएम मोदी खुद उनके साथ सिदी सैय्यद मस्जिद गए थे.
मनसुख मांडविया यहीं नहीं रुके, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की तुलना महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री से कर दी. उन्होंने कहा कि जो भी मोदी जी कहते हैं वही देश करता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मोदी जी देश के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मनसुख मांडविया पहले ऐसे बीजेपी नेता नहीं हैं जिन्होंने ताजमहल पर विवादित बयान दिया हो. इससे पहले बीजेपी नेता संगीत सोम ने ताजमहल पर बयान दिया था. उनहोंने कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्कृति पर एक दाग है. तब उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी टूरिज्म बुकलेट में ताजमहल को जगह नहीं देने पर इस मामले में बयानबाजी की शुरुआत हुई थी.
कौन ज्यादा पॉपुलर?
बता दें कि भारत आने वाले सबसे ज्यादा विदेशी टूरिस्ट ताजमहल देखने जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक यहां हर साल लगभग 8 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं. वहीं कुल मिलाकर ताजमहल में 70 से 80 लाख पर्यटक हर साल पहुंचते हैं. वहीं अक्षरधाम मंदिर देखने के लिए हर साल लगभग 40 लाख पर्यटक आते हैं. जबकि ताजमहल देखने के लिए पर्यटकों को टिकट खरीदना होता है, लेकिन अक्षरधाम मंदिर फ्री में घूम सकते हैं.
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