बिहार (Bihar) में नई सरकार के विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद नए स्पीकर का भी चुनाव हो गया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव को बिहार विधानसभा का नया स्पीकर बनाया गया है. पटना साहिब से पिछले 7 बार के विधायक किशोर पिछली NDA सरकार में सड़क निर्माण मंत्री थे.
नंद किशोर यादव ने स्पीकर पद के लिए मंगलवार (13 फरवरी) को नामांकन दाखिल किया था, जिसके बाद वो निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुन लिये गये. इससे पहले सोमवार, 12 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली NDA सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल किया. सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े. इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया था.
नंदकिशोर यादव बीजेपी के बड़े यादव नेताओं में शुमार हैं. उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर काम करने के लिए भी जाना जाता है. इसके साथ ही उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाकर यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है.
बता दें कि जातीय सर्वेक्षण के मुताबिक, बिहार में यादवों की आबादी 14.26 प्रतिशत है, जो कि सभी जातियों में सबसे अधिक हैं.
कौन हैं नंदकिशोर यादव?
26 अगस्त 1953 को पटना में जन्में नंद किशोर यादव का सर्वाधिक लंबा कार्यकाल पथ निर्माण मंत्री के रूप में रहा है. 34 वर्ष से बीजेपी विधायक रहे यादव 1969 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं.
नंद किशोर यादव के पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है वो है उनका संघ से जुड़ाव. यादव छात्र जीवन के दौरान साल 1969 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे.
1971 में वे विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुए. 1974 में जेपी आंदोलन से जुड़े. इसके बाद वो पटना सिटी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष चुने गए. 1974 में जेपी के आह्वान पर B.Sc. के फाइनल परीक्षा का बहिष्कार किया और जेल भी गए.
नंदकिशोर यादव के पास हर स्तर की राजनीति का अनुभव है. नंदकिशोर यादव 1978 में पटना नगर निगम में पार्षद चुने गए. 1982 में पटना के उप महापौर चुने गए. 1983 में पटना महानगर अध्यक्ष, 1990 में पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. 1995 में पटना पूर्वी क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए.
नंदकिशोर यादव की बिहार प्रदेश बीजेपी संगठन में मजबूत पकड़ मानी जाती है. 1998 से 2003 तक वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे. साल 2000, 2005 में भी विधायक चुने गए. नीतीश कुमार की अगुवाई में NDA सरकार में पथ परिवहन, पर्यटन, स्वास्थ्य मंत्री रहे. उन्हें बेहतर कामकाज करने वाले मंत्री के रूप में सम्मानित किया जा चुका है. जून 2013 में नीतीश और BJP के अलग होने के बाद वो बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष बनाए गए थे.
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