लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी (BJP) ने अपना घोषणापत्र- "संकल्प पत्र: मोदी की गारंटी" जारी कर दिया. बीजेपी ने संकल्प पत्र में पिछले दस वर्षों में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया है, जिसमें अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और महिला आरक्षण कानून शामिल है. इसके अलावा, तीसरी बार सरकार में आने के बाद का रोड मैप प्रस्तुत किया गया है.
हर वादा- "मोदी की गारंटी" यानी मोदी इमेज पर ही बैटिंग
बीजेपी संकल्प पत्र में हर वादे को "मोदी की गांरटी" बताया गया है. पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन में इस तरफ इशारा किया. चुनाव पास आने के साथ पीएम मोदी अपने भाषण में "मोदी की गांरटी" टर्म का प्रयोग लगातार कर रहे हैं.
यह दिखाता है कि बीजेपी पूरा लोकसभा चुनाव पीएम मोदी के ब्रांड पर ही लड़ना चाहती है. पिछले दोनों लोकसभा चुनाव और बीच में हुए तमाम विधानसभा चुनावों में बीजेपी की यही रणनीति रही है और वो बहुत हद तक सफल भी साबित हुई है.
अगले 5 साल भी मुफ्त राशन देने के दावा
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ज्ञान' (GYAN) - गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया है. यानी योजनाओं का वादा गरीबी, किसानों, युवाओं और महिलाओं को ध्यान में रखकर किया गया है.
अगले 5 साल तक मुफ्त राशन दिया जाएगा.
"आयुष्मान भारत योजना" के तहत गरीबों को 5 लाख तक का मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलेगा.
गरीबों के लिए 3 करोड़ और घर बनाने का संकल्प.
PM आवास योजना का विस्तार होगा.
हर घल नल से जल मिलेगा.
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों को आवास की सुविधा मिलेगी.
उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन की सुविधा दी जाएगी.
बिजली बिल जीरो करने पर जोर, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से हर महीने मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का प्रयास है.
किसान सम्मान निधि जारी रखने का वादा.
MSP में समयबद्ध तरीके से बढ़ोतरी जारी रहेगी.
पीएम मोदी ने पहले ही दावा कर दिया है कि उनकी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर ला दिया है. अब बीजेपी अपने घोषणापत्र में कह रही कि हमने साल 2020 से ही 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को मुफ्त राशन दिया है और अगर फिर से सरकार बनी तो हम पीएम गरीब कल्याण अन्नयोजना के तहत अगले पांच वर्षों तक मुफ्त राशन देना जारी रखेंगे.
सवाल है कि अगर 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं तो उसके बाद भी 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को अनाज के लिए सरकार पर निर्भर क्यों रहना पड़ता है? इसके अलावा पीएम मोदी AAP की दिल्ली सरकार की फ्री बिजली पानी जैसी स्कीम को 'रेवड़ी कल्चर' बोलकर घेरते रहे हैं. क्या मुफ्त राशन उस कल्चर में नहीं आएगा?
मोदी सरकार साढ़े आठ सालों में चार करोड़ के करीब ही घर बना पाई है. लेकिन अगले पांच साल में तीन करोड़ घर बनाने का वादा किया है.
मध्यम वर्ग के लिए बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में उन्हें मकान, अच्छी शिक्षा, सस्ता इलाज और रोजगार के लिए स्टार्टअप्स का अधिक विस्तार टियर-2, 3 शहरों में करने का वादा किया है. इसके अलावा भारत को पर्यटन हब एवं सर्विसेज का वैश्विक केंद्र बनाने की बात कही है, जिससे देश में हाई वैल्यू रोजगार के अवसर पैदा हों.
महिला वोटर्स पर जोर
पिछले दस सालों में देखा गया है कि बीजेपी का सबसे बड़ा वोट बैंक महिलाएं है, इसमें वो महिलाएं सबसे अधिक हैं, जिन्हें केंद्रीय योजनाओं-लखपति दीदी, उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत पीएम शौचालय योजना आदि- का लाभ मिला है.
इस बार भी बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में महिला वोटर्स पर फोकस किया है. घोषणापत्र में तीन करोड़ और लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी गई है. इसका उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर पर अधिक जागरूकता लाना, महिलाओं के लिए शौचालयों की संख्या बढ़ाना और महिला शक्ति वंदन अधिनियम का कार्यान्वयन करना है.
बीजेपी ने वादा किया है कि औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा, जिसमें शिशुगृह जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी. खेलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और पाइप से सस्ती रसोई गैस घर-घर पहुंचाने का वादा भी किया गया है.
बीजेपी ने महिला सुरक्षा पर और जोर देने का भी वादा किया है, जिसके तहत पुलिस थानों में शक्ति डेस्क का विस्तार औऱ इमरजेंसी हेल्पलाइन 112 की क्षमता बढ़ाने का वादा किया है.
BBC में 3 जून 2019 के छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला वोटर्स बीजेपी का एक मजबूत बेस है. रिपोर्ट में CSDC के हवाले से बताया गया है कि 2014 में बीजेपी को 29 और कांग्रेस को 19 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था, जबकि 2019 में बीजेपी को 36 और कांग्रेस को 20 प्रतिशत महिलाएं वोट दी थी.
दिलचस्प बात यह है कि 2019 के चुनाव में गुजरात, एमपी, राजस्थान, कर्नाटक,यूपी और झारखंड में करीब 50 या इससे अधिक प्रतिशत महिलाओं का वोट बीजेपी को मिला था. जबकि पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा में भी 38 प्रतिशत से अधिक महिला वोट बीजेपी को मिले थे.
ऐसे में बीजेपी ने एक बार फिर अपने मजबूत महिला वोट को जोड़े रखने का फोकस किया है.
युवाओं को अवसर देने का वादा लेकिन रोजगार का कोई डेटा नहीं
बीजेपी ने युवाओं को रोजगार के अवसर देने का वादा तो जरूर किया लेकिन कितना रोजगार दिया जाएगा, इसका कोई डेटा 2014 की तरह नहीं दिया. ऐसे में विपक्ष को एक बार फिर बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया, जो केंद्र पर युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगने का आरोप लगाता आ रहा है. जबकि कांग्रेस ने 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरने का और आरजेडी ने एक करोड़ नौकरी देने का वादा किया है.
बीजेपी के घोषणा पत्र में कहा गया कि पेपर लीक को नियंत्रण में करने के लिए, जो कानून बनाया गया है, उसे सख्ती से लागू करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से कराने की भी बात कही है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में यूपी, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, एमपी में बड़े स्तर पर पेपर लीक के कई मामले सामने आए हैं.
मछुआरों की सुरक्षा का मामला लंबे समय से उठता रहा है. बीजेपी ने वादा किया है कि मछुआरा समुदाय की सुरक्षा एवं अन्य सेवाओं के लिए सैटेलाइट इमेजरी का एक विशेष कार्यक्रम शुरू करेंगे.
SC-ST वोट पर नजर
घोषणा पत्र में दलित और आदिवासी समुदाय पर जोर दिया गया है. बीजेपी ने 2025 को 'जनजातीय गौरव वर्ष' घोषित करने का वादा किया है. साथ ही, जनजातीय समुदाय के स्वंतत्रता सेनानियों के संग्राहलय स्थापित करने और जनजातीय कला को बढ़ावा देना का ऐलान किया है.
जानकारी के अनुसार, झारखंड, यूपी (पूर्वी उत्तर प्रदेश), छत्तीसगढ़, एमपी, राजस्थान और गुजरात में आदिवासियों की आबादी बड़ी संख्या में हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन राज्यों में झारखंड छोड़कर सभी जगह बीजेपी सत्ता में हैं.
जानकारों की मानें तो, बीजेपी का मुख्य फोकस वर्तमान में झारखंड में सत्ता में वापसी करना है. वैसे भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी ने पहले ही एसटी समुदाय को आकर्षित करने का प्रयास किया है.
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में एससी-एसटी के कौशल विकास, रोजगार और आजीविका के अवसर देने का वादा किया है.
सीमा सुरक्षा पर वादा, मणिपुर पर कुछ नहीं
पार्टी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी. साथ ही, सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की क्षमताओं को बढ़ाने की बात कही गई है. पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बलों में वर्क फोर्स बढ़ाने की मांग लगातार की जा रही है. इसके अलावा अर्धसैनिक बलों को भी मजबूत करने का वादा किया गया है.
सबसे अहम सवाल जो सुरक्षा को लेकर विपक्ष बीजेपी को लेकर उठाता है, वो है चीन के साथ सीमा विवाद. 2020 से 2022 तक कम से कम तीन बार प्रमुख रूप से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हुए हैं.
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि भारत-चीन, भारत-पाकिस्तान और भारत म्यांमार सीमा पर मजबूत इंफ्रास्टक्चर का निर्माण करेंगे और टेक्नोलॉजी के उपयोग से फ्रेसिंग को अधिक स्मार्ट बनाएंगे.
लेकिन घोषणा पत्र में इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं किया कि सीमा विवाद कैसे सुलझाया जाएगा? साथ ही देश के अंदर हिंसा की आग में झुलसते मणिपुर का भी कोई जिक्र नहीं है.
बीजेपी ने UCC लागू करने की बात कही है. खास बात यह है कि 2019 के घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र था, लेकिन इससे अब तक लागू नहीं किया गया है. हालांकि, जिस कमेटी की स्थापना की गई थी, उसकी रिपोर्ट जरूर सबके सामने आई है. वहीं, उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने राज्य में यूसीसी लागू कर दिया है.
तमिलनाडु पर बीजेपी की नजर
बीजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र में तमिल भाषा और संस्कृति के वैश्विक उत्थान के लिए दुनिया भर में तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने का वादा किया है. प्रधानमंत्री पिछले दो महीने में सात बार तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने तमिल संस्कृति, भाषा और प्रतीकों को जोर-शोर से बढ़ावा देने का ऐलान किया.
अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से पूर्व पीएम रामेश्वरम मंदिर, तिरुचि श्रीरंगम मंदिर और धनुषकोडी में थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन में 'सेंगोल' स्थापित किया था, जो चोल साम्राज्य की देने और तमिल संस्कृति की अनूठी धरोहर है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में तमिल में भी बात की थी और तमिलनाडु के लोगों से यह भी कहा था कि 2019 में संयुक्त राष्ट्र में तमिल में बोलना उनके जीवन का सबसे सुखद क्षण था.
दरअसल, बीजेपी को लोकसभा चुनाव में दक्षिण में कर्नाटक के बाद तमिलनाडु में बड़ी सफलता की उम्मीद है.
पुरानी योजनाओं का विस्तार
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में पिछली योजनाओं के विस्तार की बात कही है. नार्थ ईस्ट के विकास के प्रति प्रतिबद्धता की बात कही है तो रोजगार के अवसर प्रदान करने का वादा किया गया है. सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास के बात के साथ मेट्रो और ट्रेनों के आधुनिकरण और विस्तार का भी ऐलान किया गया है.
पर्यटन, कोशल विकास, खेल और खिलाड़ियों पर विशेष फोकस करने का वादा बीजेपी ने किया है. हालांकि, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों और मंहगाई को लेकर कोई ठोस ऐलान बीजेपी ने नहीं किया है.
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