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राज्यसभा चुनाव में BSP उम्मीदवारों की जीत की राह मुश्किल 

राज्यसभा की एक सीट के लिए किसी भी पार्टी के पास 37 विधायक होने जरूरी हैं

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सपा विधायक नरेश अग्रवाल के अपनी पार्टी का दामन छोड़ने से बीएसपी के उम्मीदवार की राह मुश्किल हो गई है. सपा को अपने उम्मीदवार जया बच्चन की वजह से जीत आसान लग रही है, लेकिन बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की राह मुश्किल हो गई है.

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जानिए, क्या है इसका गणित?

राज्यसभा की एक सीट के लिए किसी भी पार्टी के पास 37 विधायक होने जरूरी हैं. 403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा में बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास 324 सीटे हैं. हाल ही में बीजेपी के नूरपुर के विधायक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी.

समाजवादी पार्टी के पास इस वक्त 47 विधायक हैं. इस हिसाब से सपा का एक ही प्रत्याशी राज्यसभा में जा सकता है.

वहीं, बीएसपी के पास 19 विधायक हैं. जीत के लिए 37 विधायकों का समर्थन चाहिए. सपा ने साथ देने का ऐलान किया है. बीएसपी के अंबेडकर को राज्यसभा भेजने के लिए बीएसपी के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7, आरएलडी के एक वोट का सहारा है.

सपा के हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल का बीजेपी में जाने से एक वोट की कमी हो गई है. इसके अलावा सपा को आशंका है कि उसके कुछ सदस्य गैर हाजिर रह सकते हैं या पाला बदल सकते हैं. 

सपा प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य सुनील सिंह साजन ने मंगलवार को बीजेपी पर आरोप लगाया है.

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बीजेपी का चरित्र हमेशा तोड़ने और खरीद-फरोख्त का रहा है. इसलिए अपनी सरकार की ताकत दिखाने के लिए उन्होंने राज्यसभा के लिए अतिरिक्त नामांकन कराए है. इसके तहत वह पिछड़ों और दलितों के गठबंधन (सपा-बीएसपी) में दूरी बनाने के लिए वह यह साजिश जरूर करेंगे. 
सुनील सिंह साजन, सपा प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौड़ ने कहा, ''हमारे आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेजने के बाद 28 अतिरिक्त वोट हैं. हम अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं. पूरी तस्वीर 15 मार्च को नाम वापसी के बाद साफ हो जायेगी.''

बता दें, यूपी राज्यसभा की 10 सीटों पर बीजेपी ने 11 उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें एक निर्दलीय, सपा का एक और बीएसपी का एक उम्मीदवार का नामांकन दाखिल है.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी का वैदिक गणित, उलझ गया विपक्ष

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