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नोटबंदी के बाद अब उपचुनाव में मोदी सरकार का पहला इम्तिहान

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता को कितनी पसंद आई मोदी सरकार की नोट बैन स्कीम

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19 नवंबर को देशभर में कई उपचुनाव हैं. इन चुनावों में 6 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 4 लोकसभा और 8 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़ेंगे. नोटबंदी से मची अफरातफरी के बाद ये देश में पहला चुनाव है और इसे मोदी सरकार का कड़ा इम्तिहान माना जा रहा है.

आइए सिलसिलेवार तरीके से बात करते हैं इन अहम चुनावों की.

1. मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. 13 साल से बीजेपी मध्य प्रदेश में सत्ता में हैं. अगर नतीजे पार्टी के खिलाफ आए, तो इसे सीधे तौर पर नोटबंदी फैसले का विरोध माना जाएगा. शहडोल के अलावा नेपानगर विधानसभा सीट पर भी 19 नवंबर को वोट डलेंगे.

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता को कितनी पसंद आई मोदी सरकार की नोट बैन स्कीम

2. पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और तमलुक में लोकसभा के लिए, जबकि मंटेश्वर में विधानसभा के लिए वोटिंग होगी. कूचबिहार में टीएमसी सांसद रेणुका सिन्हा की मौत की वजह से वहां उपचुनाव हो रहे हैं. यूं तो बीजेपी भी मैदान में है, लेकिन यहां टीएमसी की सीधी टक्कर लेफ्ट धड़े के फॉरवर्ड ब्लॉक के साथ है. वहीं तमलुक में टीएमसी की टक्कर सीपीएम के साथ है.

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता को कितनी पसंद आई मोदी सरकार की नोट बैन स्कीम

सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ सड़कों पर हैं. लिहाजा इन चुनावों पर लोकल मुद्दों के अलावा इस राष्ट्रीय मुद्दे का असर भी साफ दिखेगा.

3. असम

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता को कितनी पसंद आई मोदी सरकार की नोट बैन स्कीम

असम में लखीमपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव होना है. ये सीट बीजेपी सांसद सर्वानंद सोनोवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर कांग्रेस पार्टी बीजेपी से पंजा लड़ा रही है. लखीमपुर के साथ बैठालांग्सू विधानसभा सीट के लिए भी 19 नवंबर को वोटिंग होगी.

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता को कितनी पसंद आई मोदी सरकार की नोट बैन स्कीम

इन लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों के नतीजे 22 नवंबर को आएंगे. यूं तो उपचुनावों में लोकल मुद्दों की छाप रहती है, लेकिन मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से देशभर में हलचल है.

सरकार संसद से सड़क तक इस फैसले की कामयाबी का दावा कर रही है, लेकिन बीजेपी के भीतर खासा असमंजस है. नोट के लिए घंटों कतार में खड़े लोग जब वोट की कतार में लगेंगे, तो इस फैसले का असर साफ दिखेगा.

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