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प्रियंका के UP दौरे पर बोले योगी- दंगाईयों के साथ सहानुभूति क्यों?

प्रियंका ने मुजफ्फरनगर में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शन के दौरान यूपी में मारे गए लोगों के परिजनों से लगातार मुलाकात कर रही हैं. अब यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी का नाम लिए बगैर उनपर सवाल उठाए हैं. सीएम योगी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कई ट्ववीट किए गए.

सीएम योगी ने पूछा, आपकी संपत्ति को जलाने, तोड़ फोड़ करने वालों से इतनी सहानुभूति क्यों? देश की शांति, सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों और दंगाईयों के साथ आज ये क्यों खड़े हैं?

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ट्विटर पर आगे लिखा गया-

जनता देख रही है और समझ रही है. बार बार नकारे जाने के बाद भी ये तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नही आ रहे हैं. इनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे. शांति अमन चैन बनाए रखना आपकी सरकार की जिम्मेदारी है और वो इसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभा रही है.

प्रियंका ने मुजफ्फरनगर में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर में मारे गए नूर मोहम्मद के परिजनों से शनिवार को मुलाकात की. उन्होंने हिंसा पीड़ितों से बात की.

प्रियंका ने मुजफ्फरनगर में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की
प्रियंका ने मुजफ्फरनगर में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की
(फोटो: IANS)
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इससे पहले 24 दिसंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को मेरठ पुलिस ने मेरठ में एंट्री करने से पहले परतापुर थाने के पास रोक दिया था. पुलिस के आग्रह पर वे दिल्ली लौट गए थे.

प्रियंका गांधी ने सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को पत्र भेजकर अपनी सहानभूति भी प्रकट की है. पत्र में लिखा है कि अपनों का खोना क्या होता है, मैं दिल की गहराइयों से समझती हूं.

प्रियंका ने पत्र में लिखा है, "अपनों का खोना क्या होता है, मैं दिल की गहराइयों से समझती हूं. आपके साथ जो हुआ, उसकी कोई भरपाई तो नहीं की जा सकती है. लेकिन ऐसे मौके पर एक-दूसरे का हाथ थामने से मन को तसल्ली मिलती है. आप कतई अपने आप को अकेला न समझें. हौसला न खोएं. हम आपके साथ हैं. हमें आगे बढ़ना है और इंसाफ की मांग मजबूत करनी है. इंसान को बांटने वाली ताकतें मुल्क को कमजोर कर रही हैं. हमें अपने प्यारे मुल्क और संविधान को बचाने के लिए लड़ना है. जब भी और जहां भी हमारी जरूरत हो, आवाज देने में हिचक न करें."

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