छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नवा रायपुर (Raipur) में आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का 85वां महाअधिवेशन शुरू हुआ है., जिसपर देश-भर की निगाहें टिकी होंगी. राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इस अधिवेशन में शामिल हो रहे हैं. रायपुर के कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी की बैठक शुरू हुई. कमेटी के सदस्य दो बसों में पहुंचे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अजय माकन एक ही बस में थे.
सितंबर 2022 में राजस्थान कांग्रेस के विधायकों द्वारा पार्टी लाइन की अवहेलना करने और एक समानांतर बैठक आयोजित करने के बाद दोनों नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो गए थे. माकन ने राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था.
सूत्र बताते हैं कि स्टीयरिंग कमेटी सीडब्ल्यूसी के चुनाव के बारे में फैसला कर सकती है, स्टीयरिंग कमेटी की बैठक सुबह और विषय समिति की बैठक शाम को होगी.कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी, जयराम रमेश ने कहा कि स्टीयरिंग कमेटी की बैठक बाद हम इसके बारे में स्पष्ट रूप से कुछ कह सकते हैं कि पार्टी सीडब्ल्यूसी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है.
3 दिनों तक चलेगा अधिवेशन, कई मुद्दों पर चर्चा
कांग्रेस का ये महाअधिवेशन 24 से 26 फरवरी यानी 3 दिनों तक चलेगा. इसका शेड्यूल कुछ इस तरह से है
24 फरवरी: पहले दिन 10 बजे स्टीयरिंग कमेटी और शाम 4 बजे सब्जेक्ट कमेटी की बैठक है. पहले दिन कुल 6 प्रस्तावों पर चर्चा होगी.
25 फरवरी: दूसरे दिन राजनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
26 फरवरी: तीसरे दिन किसान, युवा, रोजगार, शिक्षा, सामाजिक न्याय समेत कई मुद्दों पर चर्चा का प्रस्ताव है. इसी दिन दोपहर 2 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भाषण और शाम 4 बजे कांग्रेस की रैली होगी.
क्यों अहम है कांग्रेस का ये अधिवेशन?
कांग्रेस का पिछला अधिवेशन उदयपुर में हुआ था जिसमें भारत जोड़ो यात्रा का फैसला लिया गया था. अब भारत जोड़ो की सफलता के बाद ये अधिवेशन अहम है. इस यात्रा के बाद कांग्रेस कम से कम चर्चाओं में तो आई ही है. अब पार्टी के सामने चुनौती है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ये माहौल ठंडा न पड जाए.
दूसरी तरफ कांग्रेस का हाथ से जोड़ो अभियान अभी अपने पूरे रंग में नहीं दिख रहा है, इसपर भी पार्टी को और जोर लगाने की जरूरत है.
एक चुनावी साल होने के नाते और लोकसभा चुनाव में लगभग एक साल के समय के साथ कांग्रेस को इस अधिवेशन में अहम रणनीति बनानी होगी.
अधिवेशन से पहले विवाद
अधिवेशन से पहले छत्तीसगढ़ और खासकर रायपुर में ही कई नेताओं के यहां ED के छापे पड़े. कांग्रेस ने इसे अधिवेशन में बाधा डालने की साजिश बताया. ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि कांग्रेस मीडिया इंचार्ज पवन खेड़ा को गुरुवार को दिल्ली से रायपुर जाते समय पुलिस ने एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली. इसपर मामले पर पूरी कांग्रेस पार्टी आग-बबूला हो गई. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि
महाधिवेशन के पहले छतीसगढ़ के हमारे नेताओं पर ED का रेड कराया जाता है. आज मीडिया चेयरमेन को जहाज से जबरदस्ती उतारकर गिरफ्तार किया गया. भारत के लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया. हम इस तानाशाही की घोर निंदा करते हैं.मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष
वहीं अशोक गहलोत ने इसपर कहा कि, "पहले रायपुर में ED के छापे एवं अब ऐसा कृत्य (पवन खेड़ा को गिरफ्तार करना) BJP की बौखलाहट दिखाता है. यह निंदनीय है."
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