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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव:नहीं होगी मतदाता सूची सार्वजनिक,थरूर-मनीष ने उठाई थी मांग

ये कयास लगाए जा रहे हैं कि थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार लड़ सकते हैं.

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कांग्रेस (congress) ने पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनावों के लिए मतदाता सूची यानी electoral rolls सार्वजनिक करने की मांग को खारिज कर दिया है. ये फैसला तब हुआ है जब कांग्रेस के तीन सांसद मनीष तिवारी, शशि थरूर (Shashi Tharoor) और कृति चिदंबरम ने मतदाता सूची में पारदर्शिता की मांग उठाई थी.

पार्टी का मानना है कि चुनाव एक "आंतरिक प्रक्रिया" है और कोई भी सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के किसी भी कार्यालय से मतदाता सूची की एक कॉपी हासिल कर सकता है.

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कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने केरल में संवाददाताओं से कहा,

"यह एक आंतरिक प्रक्रिया है और इसे जनता के देखने के लिए प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए. कांग्रेस में ऐसी कोई प्रथा नहीं है. हम पुरानी प्रथा का पालन करना जारी रखेंगे."

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने पहले इस मामले में प्रेस को बयान दिया था.

इस पर टिप्पणी करते हुए, जी-23 सदस्य मनीष तिवारी ने पूछा, "सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची के बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है?" उन्होंने कहा कि "निष्पक्ष और मुक्त प्रक्रिया का सार" पार्टी की वेबसाइट पर "पारदर्शी तरीके से" प्रकाशित होने वाले मतदाताओं के नाम और पते में होगा.

'एक सिद्धांत, जिससे हर कोई सहमत होगा': शशि थरूर

तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में संवाददाताओं से कहा, "निश्चित रूप से मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी को मतदाता सूची में पारदर्शिता रखनी चाहिए. अगर मनीष ने यही मांगा है, तो मुझे यकीन है कि यह एक सिद्धांत है, जिससे हर कोई सहमत होगा."

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा,

"सभी को पता होना चाहिए कि कौन नामांकन कर सकता है और कौन मतदान कर सकता है. उसके साथ कुछ भी गलत नहीं है."

बता दें कि इससे पहले थरूर ने एक लेख लिखा था जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगा थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार लड़ सकते हैं. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि थरूर चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

थरूर और तिवारी की जोड़ी के साथ लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम भी मतदाता सूची में पारदर्शिता के पक्ष में हैं. कार्ति चिदंबरम ने कहा था, "हर चुनाव में एक अच्छी तरह से परिभाषित और स्पष्ट इलेक्टोरल कॉलेज की जरूरत होती है."

चिदंबरम ने कहा, "निर्वाचक मंडल के गठन की प्रक्रिया भी स्पष्ट, सुपरिभाषित और पारदर्शी होनी चाहिए. एक एड-हॉक इलेक्टोरल कॉलेज कोई इलेक्टोरल कॉलेज नहीं होता है."

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CWC में आनंद शर्मा के सवाल

चिदंबरम की बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए मनीष तिवारी ने कहा, "मैंने अखबारों में पढ़ा कि आनंद शर्मा ने सीडब्ल्यूसी में व्यापक रूप से इस साझा चिंता को व्यक्त किया था और उन्होंने सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाया था."

कांग्रेस के असंतुष्ट नेता आनंद शर्मा ने रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान कथित तौर पर इसी तरह के सवाल उठाए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि शर्मा ने पूछा कि क्या पार्टी के संविधान के तहत उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था या नहीं. शर्मा ने कहा कि किसी भी पीसीसी को उन प्रतिनिधियों की सूची नहीं मिली है जो चुनाव में मतदान करेंगे और इस तरह की प्रक्रिया चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता का उल्लंघन करती है.

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कांग्रेस का चुनाव एक 'तमाशा' है : गुलाम नबी आजाद

दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफे और संगठन के चुनाव को "तमाशा" कहने के कुछ दिनों बाद अब मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की बात तब उठी है. आजाद ने तर्क दिया कि मतदाता सूची दिल्ली में बैठे नेताओं द्वारा तैयार की गई थी. इससे पहले अपने त्याग पत्र में आजाद ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस की स्थिति ऐसे बिंदू पर पहुंच गई है, जहां से वापसी नहीं हो सकती.

बता दें कि कांग्रेस के लिए ऐसी मांगें नई नहीं हैं, 2000 में पार्टी के पिछले चुनाव के दौरान चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता के बारे में सवाल उठाए गए थे, जिसमें जितेंद्र प्रसाद ने वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

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