सोमवार को कांग्रेस CWC की बैठक हैं, इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के अलावा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा कहा जा रहा है कि बैठक में सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर सकती हैं, हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सोनिया ने किसी के साथ बातचीत में ऐसा कोई इरादा नहीं जताया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए ट्टीट किया है-
सोनिया जी का नेतृत्व सर्वमान्य है, अगर सोनिया जी कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना ही चाहती हैं, तो राहुल जी को अपनी जोद छोड़कर अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लेना चाहिए. देश का आम कांग्रेस कार्यकर्ता और किसी को स्वीकार नहीं करेगा.
वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी की वकालत करते हुए कहा है-
सोनिया गांधी के नेतृत्व पर कोई भी सुझाव या आक्षेप बेतुका है. मैं श्रीमती सोनिया गांधी से अपील करता हूं कि वे अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करें और कांग्रेस का नेतृत्व करती रहें.
कमलनाथ ने एक और ट्वीट में लिखा है-
मैं कई सालों तक कांग्रेस पार्टी का महासचिव भी रहा. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि श्रीमती सोनिया गांधी के खिलाफ तमाम झूठी अफवाहों के बावजूद, उन्होंने 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत का नेतृत्व किया और अटल बिहारी वाजपेयी को घर पर बैठाया.
CWC की बैठक से पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. राउत ने उम्मीद जताई है कि आज की बैठक में कांग्रेस को पूर्ण कालिक अध्यक्ष मिल सकेगा.
आज की बैठक में कांग्रेस को पूर्ण कालिक अध्यक्ष मिल सकेगा. लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष होना बहुत जरूरी है और कोंग्रेस पार्टी का इतिहास काफी पुराना है, लिहाजा पार्टी को पूर्ण कालिक अध्यक्ष की जरूरत है. राउत ने उमीद जताई है कि राहुल गांधी के हाथों में कांग्रेस की बागडोर फिर एक सौंपी जाएगी. उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस का अध्यक्ष बदलने से महाविकास अघाड़ी की सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर 23 सीनियर नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी पर नाराजगी जताई थी. अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा है -
23 कांग्रेस नेताओं के कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखने की खबर अविश्वसनीय, अगर यह सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. वर्तमान में जब कांग्रेस की लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है, तब सोनिया गांधी ही पार्टी का सही नेतृत्व कर सकती हैं. सोनिया गांधी ने हमेशा चुनौती स्वीकार की है.
वहीं सचिन पायलट ने भी ट्टीट कर कहा-
सोनिया गांधी और राहुल जी ने ये दिखाया है कि पार्टी और लोगों की भलाई के लिए त्याग करने का क्या मतलब होता है. अब सर्वसम्मति बनाने का वक्त है. हम एकजुट होंगे तो हमारा भविष्य और मजबूत होगा, ज्यादातर पार्टी कार्यकर्ता राहुल जी को पार्टी की अगुवाई करते हुए देखना चाहेंगे.
सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में ये तय हो सकता है कि लगातार कमजोर हो रही पार्टी अब किस राह जाएगी. ये बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि ये सामान्य बैठक नहीं जिसमें करीब दो दर्जन नेता शामिल होते हैं. बताया जा रहा है कि इसमें 40-50 नेता शामिल हो सकते हैं.
बैठक की अहमियत इससे भी समझी जा सकती है कि इस वर्चुअल बैठक की टेस्टिंग दो-तीन से की जा रही है. सामान्य से ज्यादा लोगों के शामिल होने से उम्मीद कम हो गई है कि खुलकर बात होगी. तो ये भी आशंका इसमें कुछ खास न निकले. बदलाव की मांग करने वाली चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में से गुलाम नबी आजाद और मुकुल वासनिक के बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है, क्योंकि वो CWC के सदस्य हैं.
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