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क्या शरद पवार को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं संजय राउत? 

संजय राउत ने अभी से इसके लिए जोड़तोड़ शुरू कर दी है.

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NCP अध्यक्ष शरद पवार को देश का अगला राष्ट्रपति बनाने के लिए शिवसेना सांसद संजय राउत ने अभी से कमर कस ली है. इसके लिए उन्होंने जोड़तोड़ शुरू कर दी है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार में संजय राउत को अगला राष्ट्रपति बनने का गुण नजर आ रहा है. शिवसेना के मुखर सांसद संजय राउत ने कहा है कि "शरद पवार साहब मे राष्ट्रपति बनने के सभी गुण है और उनके अनुभव से देश लाभान्वित हो सकता है."

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विपक्षी एकजुटता से पवार बनेंगे राष्ट्रपति?

राउत के मुताबिक विपक्षी दलों के पास इतनी सियासी ताकत है जिसकी बिना पर विपक्षी पार्टियां एकजुटता के साथ 2022 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करा सकती हैं. यही वजह है कि शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी से ही शरद पवार का नाम उछाल रही है. हालांकि सवाल ये है कि क्या शरद पवार इसके लिए तैयार है? इस पर फिलहाल उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

मध्यप्रदेश,राजस्थान,छत्तीसगड,महाराष्ट्र के बाद झारखंड से भी बीजेपी को सत्ता गवानी पड़ी है, जिसकी वजह से विपक्षी दल सियासी तौर पर थोड़े मजबूत हुए हैं. विपक्ष को लगने लगा है कि साल 2022 तक बीजेपी की पकड़ पहले जैसे नहीं रहेगी. ऐसे में विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारकर जीत दर्ज करने की स्थिति में हो सकता है.

जुलाई 2017 में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चुनाव जीतकर देश के राष्ट्रपति बने थे उन्हें कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति पद के चुनाव में उतारी गईं मीरा कुमार के मुकाबले 65.65 फीसदी वोट मिले थे.  

शिवसेना ने किया था UPA का समर्थन

हालांकि तब एनडीए मे रही शिवसेना ने बीजेपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया था. हालांकि शिवसेना एनडीए मे रहते हुए ही राष्ट्रपति चुनाव मे दो बार एनडीए के खिलाफ जाकर कांग्रेस की ओर से खड़े किए गए यूपीए के उम्मीदवारों प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी के पक्ष मे वोट डाल चुकी है.

अब इस बार शिवसेना एनडीए से बाहर है और महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही है. महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे की सरकार बनाने में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बेहद अहम भूमिका निभाई है.

राष्ट्रपति चुनाव मे अभी दो साल से ज्यादा का वक्त बचा हुआ है. ताज्जुब की बात है कि इससे इतना पहले ही शिवसेना एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की रजामंदी लिए बगैर ही उन्हें देश की सबसे बडी संवैधानिक कुर्सी पर बिठाने की मुहिम मे जुटी है.

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